नई दिल्ली:
भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व विदेश मंत्री यशवंत सिन्हा ने भारत और पाकिस्तान के बीच प्रस्तावित एनएसए स्तर की वार्ता को तत्काल रद्द करने की मांग की और कहा कि एक के बाद एक कई प्रधानमंत्रियों ने भारत-पाक विवाद का समाधान करके नोबेल शांति पुरस्कार हासिल करने की ख्वाहिश पाली। यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर परोक्ष रूप से कटाक्ष प्रतीत होता है।
सिन्हा ने यह भी कहा कि भारत-पाक वार्ता से पहले कश्मीरी अलगाववादी नेताओं को आमंत्रित करने जैसी उकसाने वाली गतिविधियों में शामिल होकर राजनयिक शिष्टाचार की ‘सभी सीमाओं को लांघने’ के लिए पाकिस्तानी उच्चायुक्त को अवांछित व्यक्ति घोषित कर दिया जाए।
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि एनएसए स्तर की बातचीत का अंत पाकिस्तान के साथ शांति कायम करने की भारत की उम्मीदों के उलट हो सकता है।
पूर्व विदेश मंत्री ने कहा कि मोदी सरकार भाजपा के उस घोषित रूख के विपरीत चली गई है कि आतंकवाद और बातचीत साथ साथ नहीं चल सकते। उन्होंने कहा, ‘बातचीत के लिए यह उचित अवसर नहीं है। वाजपेयी सरकार के समय यह हमारी नीति थी कि आतंकवाद और बातचीत एकसाथ नहीं चल सकते। यह भाजपा की सतत नीति रही है।..बातचीत रद्द की जानी चाहिए।’
यह पूछे जाने पर कि पाकिस्तान की ओर से कई उकसावे वाले कदम उठाने के बावजूद प्रधानमंत्री को बातचीत के लिए आगे बढ़ना चाहिए, सिन्हा ने कहा, ‘एक के बाद एक कई प्रधानमंत्रियों ने भारत-पाक विवाद का समाधान करके नोबेल शांति पुरस्कार हासिल करने की हसरत पाली है।’
सिन्हा ने यह भी कहा कि भारत-पाक वार्ता से पहले कश्मीरी अलगाववादी नेताओं को आमंत्रित करने जैसी उकसाने वाली गतिविधियों में शामिल होकर राजनयिक शिष्टाचार की ‘सभी सीमाओं को लांघने’ के लिए पाकिस्तानी उच्चायुक्त को अवांछित व्यक्ति घोषित कर दिया जाए।
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि एनएसए स्तर की बातचीत का अंत पाकिस्तान के साथ शांति कायम करने की भारत की उम्मीदों के उलट हो सकता है।
पूर्व विदेश मंत्री ने कहा कि मोदी सरकार भाजपा के उस घोषित रूख के विपरीत चली गई है कि आतंकवाद और बातचीत साथ साथ नहीं चल सकते। उन्होंने कहा, ‘बातचीत के लिए यह उचित अवसर नहीं है। वाजपेयी सरकार के समय यह हमारी नीति थी कि आतंकवाद और बातचीत एकसाथ नहीं चल सकते। यह भाजपा की सतत नीति रही है।..बातचीत रद्द की जानी चाहिए।’
यह पूछे जाने पर कि पाकिस्तान की ओर से कई उकसावे वाले कदम उठाने के बावजूद प्रधानमंत्री को बातचीत के लिए आगे बढ़ना चाहिए, सिन्हा ने कहा, ‘एक के बाद एक कई प्रधानमंत्रियों ने भारत-पाक विवाद का समाधान करके नोबेल शांति पुरस्कार हासिल करने की हसरत पाली है।’
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