विज्ञापन
This Article is From Sep 28, 2017

यशवंत सिन्हा मोदी सरकार पर फिर भड़के- 40 महीने से सरकार में हो, UPA को दोष नहीं दे सकते

यशवंत सिन्हा ने कहा कि हम यूपीए-2 के समय पॉलिसी पैरालिसिस की बात करते थे, लेकिन आज भी नीतियां वैसी ही हैं.

यशवंत सिन्हा मोदी सरकार पर फिर भड़के- 40 महीने से सरकार में हो, UPA को दोष नहीं दे सकते
यशवंत ने साधा मोदी सरकार पर निशाना
नई दिल्ली: एक अखबार में लेख के बाद सुर्खियों में आए पूर्व वित्त मंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता यशवंत सिन्हा आज पहली बार मीडिया के सामने आए और मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला. यशवंत सिन्हा ने कहा कि हम यूपीए-2 के समय पॉलिसी पैरालिसिस की बात करते थे, लेकिन आज भी नीतियां वैसी ही हैं. जिस रफ़्तार में परियोजनाओं के क्रियान्यवन में तेज़ी आनी चाहिए थी, वह इस सरकार में नहीं आई. 40 महीने तक सरकार में रहने के बाद अब हम पुरानी सरकार को दोष नहीं दे सकते. नोटबंदी और जीएसटी के रूप में जनता को एक के बाद एक दोहरे झटके दिए गए.

नरेंद्र मोदी सरकार की आलोचना करने वाले यशवंत सिन्हा को बेटे जयंत सिन्हा का सख्त जवाब

यशवंत सिन्हा ने ANI से कहा कि बहुत दिनों से हमें पता है कि भारत की अर्थव्यवस्था में गिरावट आ रही है. इसके लिए हम पहले की सरकार को दोष नहीं दे सकते क्योंकि हमें पूरा मौका मिला. 40 महीने से सरकार में हैं. जीएसटी का मैं भी समर्थन करता हूं लेकिन इसे लागू करने में सरकार ने जल्दबाजी की. कांग्रेस के वित्तमंत्री को छोड़ दें तो मैं ही अकेला हूं, जिन्होंने 7 बार बजट पेश किया है. आज देश की जनता चाहती है कि रोजगार मिले, पर जिससे पूछो वही कह रहा है कि रोजगार नहीं मिल रहा. 

बचाव में उतरे शत्रुघ्न सिन्हा ने यशवंत सिन्हा को बताया- जांचा-परखा बुद्धिमान व्यक्ति

यशवंत ने कहा कि यूपीए सरकार के समय हम लोग पॉलिसी पैरालिसिस की बात करते थे. तब लाखों करोड़ की परियोजनाएं रुकी हुई थीं. उन परियोजनाओं के लिए बैंकों ने लाखों करोड़ का लोन दिया था. परियोजनाओं के लटकने से बैंकों का पैसा भी फंस गया था. बैंकों का 8 लाख करोड़ फंसा है. जीएसटी लागू करने के तरीक़े से समस्याएं और बढ़ीं. 1 जुलाई से जीएसटी लागू करना जल्दबाज़ी थी. गिरती अर्थव्यवस्था में रोज़गार पैदा नहीं होता. एक झटके में देश कैशलेस नहीं हो सकता. सिर्फ कल्याणकारी योजनाओं से अर्थव्यवस्था को गति नहीं मिलती .

गौरतलब है कि पूर्व वित्तमंत्री यशवंत सिन्हा ने बुधवार को एक अंग्रेजी अखबार में लेख लिखकर गिरती अर्थव्यवस्था को लेकर अरुण जेटली पर निशाना साधा था. यशवंत सिन्हा ने लिखा कि अरुण जेटली अभी तक इस सरकार में सबसे बड़ा चेहरा रहे हैं.कैबिनेट में नाम तय होने से पहले ही उनका नाम तय था कि जेटली वित्तमंत्रालय संभालेंगे. लोकसभा चुनाव हारने के बावजूद उन्हें मंत्री बनने से कोई नहीं रोक पाया. सिन्हा ने कहा कि इससे पहले अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में जसवंत सिंह और प्रमोद महाजन भी वाजपेयी के करीबी थे, लेकिन इसके बाद भी उन्हें मंत्री नहीं बनाया गया था. लेकिन जेटली को वित्त मंत्रालय के साथ ही रक्षा मंत्रालय भी मिला.
उन्होंने लिखा था कि प्रधानमंत्री का दावा है कि उन्होंने गरीबी को काफी नज़दीक से देखा है.उनके वित्तमंत्री इस बात को सुनिश्चित करने के लिए ज़रूरत से ज़्यादा मेहनत कर रहे हैं कि सभी भारतीय भी उसे (गरीबी को) उतना ही नज़दीक से देख सकें. सिन्हा ने कहा कि नोटबंदी ने गिरती जीडीपी को और कमजोर करने में अहम भूमिका अदा की. तंज कसते हुए सिन्हा ने कहा कि पीएम मोदी कहते हैं कि उन्होंने गरीबी को काफी करीब से देखा है, अब जिस तरीके से उनके वित्त मंत्री काम कर रहे हैं, उससे ऐसा लगता है कि वे सभी भारतीयों को गरीबी पास से दिखाएं. आज के समय में न ही नौकरी मिल रही है और न ही विकास तेज़ हो रहा है, जिसका सीधा असर इन्वेस्टमेंट और जीडीपी पर पड़ा है.सरकार ने जीएसटी को जिस तरह लागू किया उसका भी नकारात्मक असर अर्थव्यवस्था पर पड़ा है. जीडीपी अभी 5.7 फीसदी है, जबकि सरकार ने 2015 में जीडीपी तय करने का तरीका बदला था. अगर पुराने नियमों के हिसाब से देखा जाए तो आज जीडीपी 3.7 फीसदी है.

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Previous Article
गुरमीत राम रहीम को सुप्रीम कोर्ट से लगा बड़ा झटका, बेअदबी मामले में चलेगा केस
यशवंत सिन्हा मोदी सरकार पर फिर भड़के- 40 महीने से सरकार में हो, UPA को दोष नहीं दे सकते
फ़ेयरवेल के बाद अपने घर में मृत मिला केरल का अधिकारी, जिला पंचायत अध्यक्ष ने लगाया था गलत काम करने का आरोप
Next Article
फ़ेयरवेल के बाद अपने घर में मृत मिला केरल का अधिकारी, जिला पंचायत अध्यक्ष ने लगाया था गलत काम करने का आरोप
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com