दुनिया के सबसे ऊंचे ट्रैक के लिए काम शुरू
नई दिल्ली:
जम्मू-कश्मीर के लेह में रेलवे इसी हफ्ते 498 किलोमीटर लंबी बिलासपुर-मनाली-लेह लाइन के अंतिम लोकेशन सर्वे की शुरुआत करेगा. करीब 3,300 मीटर की उंचाई पर बनने जा रही यह लाइन सामरिक तौर पर अहम रेल परियोजना होगी और इसे दुनिया की सबसे ऊंची रेल पटरी का दर्जा हासिल होगा. अभी दुनिया की सबसे ऊंची रेल पटरी चीन की क्विंघाई-तिब्बत रेलवे है. यह रेल नेटवर्क हर मौसम में चालू रहेगा. रक्षा मंत्रालय ने चीन सीमा के पास रेल संपर्क के लिए जिन चार अहम लाइनों की पहचान की है, यह उनमें से एक है. रेल मंत्री सुरेश प्रभु अंतिम लोकेशन सर्वे के काम का उद्घाटन 27 जून को करेंगे. इस सर्वे की अनुमानित लागत 157.77 करोड़ रुपये होगी. सर्वे का वित्तपोषण रक्षा मंत्रालय करेगा.
प्रस्तावित नई रेल लाइन बिलासपुर और लेह के बीच के सभी अहम स्थानों - सुंदर नगर, मंडी, मनाली, टंडी, केलोंग, कोकसर, दर्छा, उप्शी और कारू - को जोड़ेगी. अंतिम लोकेशन सर्वे की जिम्मेदारी रेल मंत्रालय के तहत आने वाले सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम राइट्स को दी गई है. रेल मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, राइट्स ने इस चुनौतीपूर्ण काम के लिए अपनी विशेषज्ञ टीम तैनात की है. सर्वे तीन चरणों में किया जाएगा और 2019 तक इसे पूरा किया जाना है. अभी सड़क मार्ग साल में सिर्फ पांच महीने खुला रहता है.
प्रस्तावित नई रेल लाइन बिलासपुर और लेह के बीच के सभी अहम स्थानों - सुंदर नगर, मंडी, मनाली, टंडी, केलोंग, कोकसर, दर्छा, उप्शी और कारू - को जोड़ेगी. अंतिम लोकेशन सर्वे की जिम्मेदारी रेल मंत्रालय के तहत आने वाले सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम राइट्स को दी गई है. रेल मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, राइट्स ने इस चुनौतीपूर्ण काम के लिए अपनी विशेषज्ञ टीम तैनात की है. सर्वे तीन चरणों में किया जाएगा और 2019 तक इसे पूरा किया जाना है. अभी सड़क मार्ग साल में सिर्फ पांच महीने खुला रहता है.
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