नई दिल्ली:
केंद्रीय पर्यावरण मंत्री हर्षवर्धन ने विश्व पर्यावरण दिवस की पूर्व संध्या पर कहा कि अगर लोग मुद्दे का निराकरण करने के लिए आगे नहीं आए तो पेरिस में हुई बैठक जैसी कोई बैठक या कोई भी कानून पर्यावरण की रक्षा नहीं कर सकता है.
एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मंत्री ने कहा कि विश्व पर्यावरण दिवस मनाना निर्थक है, अगर लोग पूरे साल पर्यावरण संरक्षण के विचार को अपने भीतर समाहित नहीं करते हैं और ग्रह को बचाने के लिए कम से कम में काम चलाने वाली जीवनशैली की वकालत की.
उन्होंने कहा कि पर्यावरण एवं वन मंत्रालय की भूमिका सिर्फ नियामक की बजाय लोगों को शामिल कर धरती के संरक्षण के लिए अग्रसक्रिय कदम उठाकर सुविधा मुहैया कराने वाले की होनी चाहिए.
एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मंत्री ने कहा कि विश्व पर्यावरण दिवस मनाना निर्थक है, अगर लोग पूरे साल पर्यावरण संरक्षण के विचार को अपने भीतर समाहित नहीं करते हैं और ग्रह को बचाने के लिए कम से कम में काम चलाने वाली जीवनशैली की वकालत की.
उन्होंने कहा कि पर्यावरण एवं वन मंत्रालय की भूमिका सिर्फ नियामक की बजाय लोगों को शामिल कर धरती के संरक्षण के लिए अग्रसक्रिय कदम उठाकर सुविधा मुहैया कराने वाले की होनी चाहिए.
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