जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) की पूर्व मुख्यमंत्री और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की चीफ महबूबा मुफ्ती (Mehbooba Mufti) ने कहा है कि जब तक राज्य में अनुच्छेद 370 के तहत विशेष दर्जा बहाल नहीं हो जाता, वो कोई भी चुनाव नहीं लड़ेंगी. महबूबा ने जम्मू-कश्मीर स्थानीय निकाय चुनाव परिणामों को उत्साहजनक बताया है. महबूबा ने एनडीटीवी से कहा, "जहां तक विधानसभा चुनावों की बात है, तो मैं तब तक कोई चुनाव नहीं लड़ूंगा जब तक कि जम्मू और कश्मीर का अपना संविधान वापस नहीं लाया जाता और जब तक कि धारा 370 को बहाल नहीं किया जाता है."
पूर्व मुख्यमंत्री गुपकर गठबंधन (Gupakar Alliance) पर एक सवाल का जवाब दे रही थीं, जिसमें नेशनल कॉन्फ्रेन्स और महबूबा मुफ्ती की पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) दोनों शामिल है, और चिर प्रतिद्वंद्विता के बावजूद मुख्यमंत्री पद के एक साझा उम्मीदवार पर सहमत हैं.
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महबूबा ने कहा, "हम प्रतिद्वंद्वी रहे हैं, लेकिन जम्मू-कश्मीर के व्यापक हित को देखते हुए हम सभी एकसाथ हैं. आखिरकार हम कश्मीरी हैं. हम केवल चुनाव के बारे में बात नहीं कर रहे हैं, बल्कि जो चीजें हमसे छीन ली गई हैं, उसे बहाल करने के लिए हम एकसाथ हुए हैं."
उन्होंने कहा, "जब भी विधानसभा चुनाव होंगे, हम एकसाथ बैठेंगे और मुख्यमंत्री के मुद्दे पर चर्चा करेंगे. मैं इस दौड़ में नहीं हूं."
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महबूबा मुफ्ती ने अपने पिता मुफ्ती मोहम्मद सईद द्वारा भाजपा के साथ गठबंधन करने के फैसले का भी बचाव किया जो समय से पहले ही टूट गया. उन्होंने कहा, "मेरे पिता ने शैतान के साथ एक सौदा किया. मुफ्ती ने (प्रधान मंत्री नरेंद्र) मोदी के साथ हाथ नहीं मिलाया, लेकिन भारत के प्रधान मंत्री के साथ, कश्मीर की समस्याओं को हल करने के लिए हाथ मिलाया था. मेरे पिता ने एक गठबंधन के माध्यम से भाजपा को जोड़ने की कोशिश की थी. हमारा एजेंडा वही था और हमने अपनी शर्तों पर गठबंधन में प्रवेश किया था. वे सब कुछ मान गए, लेकिन सरकार गिरने के बाद उन्होंने वही किया, जो वे चाहते थे."
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