देश की राजधानी दिल्ली में महिलाएं अनजान लोगों की बजाय अपनों के बीच खुद को ज्यादा असुरक्षित पा रही हैं. दुष्कर्म के आंकड़े (Delhi Rape Cases) रिश्तों को शर्मसार करने के आंकड़ों की पुष्टि करते हैं. राजधानी में दुष्कर्म के ज्यादातर मामलों में आरोपी पीड़ित के रिश्तेदार या उनके करीबी थे.
दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने शुक्रवार को अपनी सालाना प्रेस वार्ता में आंकड़े जारी कर यह बताया. पुलिस के मुताबिक, दिल्ली में बलात्कार के ज्यादातर मामलों में पीड़िता के नज़दीकी ही होते है. पुलिस ने आंकड़े जारी कर बताया कि साल 2019 से 2020 में सबसे ज्यादा 44% आरोपी परिवार के लोग या परिवार के दोस्त थे. जबकि 26% प्रतिशत आरोपी पीड़िता के ही जानकार थे. पीड़िता के खुद के रिश्तेदारों का प्रतिशत 14 रहा. जबकि दुष्कर्म के 12% आरोपी पीड़िता के पड़ोसी निकले, जबकि रेप के केस में सिर्फ 2 प्रतिशत आरोपी ही ऐसे निकले, जिनकी पीड़िता से कोई जान पहचान नहीं थी.
इन आंकड़ों ने एक बार फिर साबित कर दिया कि महिलाओं को अंजान लोगों से ज्यादा अपनी जान पहचान के लोगों से खतरा है. शायद यही वजह है कि बलात्कार के मामलों में सिर्फ 23 प्रतिशत आरोपियों को ही कोर्ट से सज़ा हो पाती है. पुलिस के मुताबिक 2020 में 1699 रेप के मामले दर्ज हुए. इसमें से सिर्फ 23% आरोपियों को ही सज़ा हो पाई, बाकी सब बरी हो गए. जबकि देश भर में सज़ा का प्रतिशत 28 है.
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