यह ख़बर 30 अगस्त, 2012 को प्रकाशित हुई थी

रामदेव से जुड़े 400 बैंक खातों की IT ने शुरू की जांच

खास बातें

  • आयकर विभाग ने रामदेव और उनके पतंजलि योगपीठ से जुड़े करीब 400 खातों की जांच शुरू कर दी है। अब सवाल उठता है कि क्या बाबा रामदेव या उनसे जु़ड़े ट्रस्टों के तकरीबन 400 बैंक खाते हैं।
नई दिल्ली:

कालेधन को लेकर केन्द्र सरकार के खिलाफ़ मोर्चा खोलने वाले बाबा रामदेव पर सरकार ने चौतरफा शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। आयकर विभाग ने रामदेव और उनके पतंजलि योगपीठ से जुड़े करीब 400 खातों की जांच शुरू कर दी है। अब सवाल उठता है कि क्या बाबा रामदेव या उनसे जु़ड़े ट्रस्टों के तकरीबन 400 बैंक खाते हैं।

इस बात की जांच आयकर विभाग कर रहा है। माना जा रहा है कि सभी बैंक खाते एक ही सीरियल नम्बर के हैं और हरिद्वार में हैं। पैसा एक के बाद एक दूसरे खातों में जाने के सबूत मिल रहे हैं इसलिए जांच इस बात की चल रही है कि क्या ट्रस्ट का पैसा इन खातों के जरिये बाहर तो नहीं भेजा जाता।

जांच के दायरे में रामदेव की 34 भारतीय कंपनियां, चार भारतीय ट्रस्ट और पांच विदेशी ट्रस्ट भी हैं। अब तक रामदेव का कारोबार सालाना 1200 से 1300 करोड़ रुपये का माना जाता है लेकिन वह अपने कारोबार को चैरिटेबल ट्रस्ट की श्रेणी में रखकर सरकार से कई तरह की रियायतें लेते हैं। अब उन्हें कारण बताओ नोटिस दिया गया है।

साथ ही सर्विस टैक्स वालों ने रामदेव को 4.36 करोड़ का नोटिस दिया है। आयकर वालों ने 50 करोड़ का और प्रवर्तन निदेशालय उस टापू की जांच कर रहा जो रामदेव को उनके दो भक्तों ने स्कॉटलैंड में दिया है। जांच इस बात की भी हो रही है कि रामदेव के खातों में कितना पैसा जमा हुआ और वह किन कामों में इस्तेमाल हुआ।

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कोशिश इस बात की हो रही है कि करप्शन के खिलाफ लड़ने वाले रामदेव के कुछ काम करप्शन के दायरे में ले आए जाएं। कहा जा रहा है सरकार के पास रामदेव के खिलाफ इतने सबूत हैं कि उनको कभी भी कहीं भी मुश्किल में डाला जा सकता है लेकिन राजनीतिक माहौल को देखते हुए यही लगता है कि सरकार फिलहाल रामदेव को ढील दे रही है या कोई डील कर रही है।