
फाइल फोटो
Quick Take
Summary is AI generated, newsroom reviewed.
पूरा शीतकालीन सत्र नोटबंदी की भेंट चढ़ा, कम हुआ कामकाज
पिछले 15 सालों के दौरान इस सत्र में हुआ सबसे ज्यादा हंगामा
कुल 108 घंटों में से महज 22 घंटे ही हुआ कामकाज पूरे सत्र में
इसी तरह राज्यसभा में मोटेतौर पर 108 घंटे कामकाज के लिए निर्धारित थे लेकिन केवल 22 घंटे काम हुआ और 86 घंटे बर्बाद हुए. यानी कि काम के लिहाज से लोकसभा और राज्यसभा में क्रमश: 15.75 प्रतिशत और राज्यसभा में महज 20.61 प्रतिशत काम हुआ.
प्रश्नकाल में लोकसभा में 11 प्रतिशत सवालों के जवाब दिए गए तो राज्यसभा में महज 0.6 प्रतिशत सवालों का जवाब दिया गया. कुल मिलाकर दूसरे शब्दों में यदि कहा जाए तो लोकसभा ने काम के लिए निर्धारित एक घंटे के बदले पांच घंटे गंवाए वहीं राज्यसभा में एक घंटे के बदले चार घंटे का समय बर्बाद हुआ.
पेश हुए बिल
लोकसभा में 10 बिल पेश किए गए. राज्यसभा में दिव्यांग के अधिकारों से संबंधित बिल पेश किया गया. कुल मिलाकर यही बिल दोनों सदनों से पास होने में कामयाब हुआ. इसके अतिरिक्त तीन अन्य बिल लोकसभा में पास हुए. लोकसभा से एक बिल मर्चेंट शिपिंग (एमेंडमेंट) बिल को वापस ले लिया गया.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं
संसद का शीतकालीन सत्र, पीआरएस लेजिस्लेटिव रिसर्च, नोटबंदी, करेंसी बैन, Parliament Winter Session 2016, Prs Legislative Research, Demonetisation, Currency Ban