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This Article is From Feb 21, 2019

पुलवामा हमले के बाद भारत का बड़ा कदम, पाकिस्तान को दी पानी रोकने की चेतावनी

पुलवामा में सीआरपीएफ काफिले पर हुए हमले (Pulwama Terror Attack) के बाद भारत ने पाकिस्तान (Pakistan) को पानी रोकने की चेतावनी दी है.

पुलवामा हमले के बाद भारत का बड़ा कदम, पाकिस्तान को दी पानी रोकने की चेतावनी
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी. (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:

पुलवामा में सीआरपीएफ काफिले पर हुए हमले (Pulwama Terror Attack) के बाद भारत ने पाकिस्तान (Pakistan) को पानी रोकने की चेतावनी दी है. केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी. उन्होंने कहा कि भारत बांध बनाकर और नदियों को डायवर्ट करके जम्मू कश्मीर और पंजाब में अपने लोगों को सप्लाई करेंगे. नितिन गडकरी ने ट्वीट कर कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व में हमारी सरकार ने हमारे हिस्से के पानी को रोकने का फैसला लिया है. बता दें कि भारत ने रावी, सतलुज और व्यास नदी का पानी मोड़ने की चेतावनी दी है. हालांकि पानी रोकने का काम तत्काल नहीं होगा. बांध बनने के बाद ही इसे रोका जाएगा. बता दें कि पुलवामा में सीआरपीएफ काफिले पर हुए आतंकी हमले में 40 जवान शहीद हो गए थे. हमले की जिम्मेदारी जैश-ए-मोहम्मद ने ली थी.

 

 

 

नितिन गडकरी ने कहा कि इसके लिए जम्मू-कश्मीर के शाहपुर-कांडी में रावी नदी पर एक प्रोजेक्ट के निर्माण कार्य की शुरुआत हो चुकी है. इसके अलावा उस प्रोजेक्ट की मदद से जम्मू-कश्मीर में रावी नदी का पानी स्टोर किया जाएगा और इस डैम का सरप्लस पानी अन्य बेसिन राज्यों में प्रवाहित किया जाएगा. 

 

 

Pulwama Attack : भारत ने पाकिस्तान से छीना 'मोस्ट फेवर्ड नेशन' का दर्जा, जानिए क्या होगा इसका असर

बता दें कि सिंधु जल संधि के तहत, भारत पाकिस्तान के साथ व्यास और सतलज नदियों का पानी साझा करता है. यह 14 फरवरी को हुए आतंकी हमले के बाद सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की एक सीरीज का हिस्सा है, जिसमें सीआरपीएफ के 40 जवान जम्मू-श्रीनगर राजमार्ग पर एक आत्मघाती हमले में शहीद हो गए थे. हमले के ठीक बाद, सरकार ने पाकिस्तान को दिए गए मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा भी वापस ले लिया था और घोषणा की थी कि वह वैश्विक स्तर पर देश को अलग-थलग करने के लिए हर संभव प्रयास करेगी.

गडकरी के इस ट्वीट के बारे में जल संसाधन मंत्रालय की प्रभारी सूचना अधिकारी नीता प्रसाद ने इस मुद्दे पर पूछे जाने पर कहा, 'सिंधु संधि के बारे में ट्वीट (गडकरी का), कोई नया फैसला नहीं है. मंत्रीजी ने सामान्य तौर पर वही बात दोहराई है जो हमेशा कहते आए हैं. वह सिंधु के जल का पाकिस्तान जाने वाले भारत का हिस्सा मोड़ने की बात कर रहे हैं और वह हमेशा से यह कहते आए हैं.'

अधिकारियों ने कहा कि फैसले के वास्तविक क्रियान्वयन में 6 साल तक का वक्त लग सकता है, क्योंकि जल का प्रवाह रोकने के लिए 100 मीटर की ऊंचाई वाले बांध बनाने होंगे. उल्लेखनीय है कि 1960 की सिंधु जल संधि के तहत पश्चिम की नदियों-सिंधु, झेलम और चेनाब का जल पाकिस्तान को दिया गया, जबकि पूर्वी नदियों रावी, व्यास और सतलुज का जल भारत को दिया गया.

गडकरी ने एक अन्य ट्वीट में कहा कि रावी नदी पर शाहपुर..कांडी बांध का निर्माण शुरू हो गया है. इसके अलावा यूजेएच परियोजना के जरिये जम्मू कश्मीर में उपयोग के लिए हमारे हिस्से के पानी का भंडारण होगा और शेष पानी दूसरी रावी व्यास लिंक के जरिये अन्य राज्यों के बेसिन में प्रवाहित होगा. इस बीच, केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने सरकार के इस फैसले की सराहना करते हुए कहा कि जम्मू कश्मीर द्वारा फिलहाल नहीं उपयोग किए जा रहे फाजिल जल का इस्तेमाल पंजाब, हरियाणा और राजस्थान कर सकेगा.

VIDEO: भारत ने पाकिस्तान से छीना मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा

 

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