प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
आर्ट ऑफ लिविंग के 11 मार्च से दिल्ली में होने वाले कार्यक्रम पर संशय की स्थिति बनी हुई है। मामले पर एनजीटी में सुनवाई जारी है और बुधवार को फैसला आने की उम्मीद है। ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि प्रधानमंत्री एनजीटी का फैसला आने के बाद ही कार्यक्रम में शिरकत करने पर फैसला लेंगे।
दूसरी तरफ इस विश्व सांस्कृतिक महोत्सव के लिये सेना ने दो तैरता हुआ पुल बना दिया। सेना का कहना है कि वो ये सब रक्षा मंत्रालय के कहने पर कर रही है। रक्षा मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि आर्ट ऑफ़ लिविंग की तरफ रक्षा मंत्रालय के पास 6 पंटून ब्रिज का आवेदन आया था लेकिन सेना ने 6 पंटून ब्रिज बनाने से इंकार कर दिया।
उसके बाद रक्षा मंत्री ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर बी.एस. बस्सी से इस बारे में पूछा। पुलिस कमिश्नर ने कहा की लाखों लोगों की भीड़ को देखते हुए भगदड़ का खतरा है। ऐसे में सेना को ब्रिज बनाने का काम करना चाहिए। इसके बाद रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर ने सेना को यमुना नदी के ऊपर एक पंटून ब्रिज बनाने का आदेश दिया।
रक्षा मंत्री ने एक निजी संस्थान के काम में सेना के इस्तेमाल के विवाद पर कहा कि लाखों लोगों की जानमाल की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सेना से पुल बनाने के लिए कहा गया है। सेना पहले भी लोगों की सुरक्षा के लिए कुम्भ मेले और दूसरे मौकों पर ऐसा काम करती रही है। फ़िलहाल सेना की इंजीनियर कोर के जवानों ने यमुना नदी पर एक ब्रिज बनाया है और एक और पर काम चल रहा है।
रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने रक्षा सचिव जी मोहन कुमार को निजी संस्थान और जनहित से जुड़े ऐसे कार्यों में सेना के इस्तेमाल पर नई गाइड लाइन बनाने का आदेश दिया है। इस पर सेना के पूर्व लेफ्टिनेंट जनरल शंकर प्रसाद कहते है ये गलत परंपरा की शुरुआत है और वो भी निजी कार्यक्रम में। अब तक कुंभ या दूसरे कामों के लिये जहां भी सेना का इस्तेमाल हुआ है वो या तो सरकार खुद करवा रही थी या फिर उसके आयोजन में जुड़ी थी लेकिन इस मामले में ऐसा कुछ भी नहीं है। शायद इन्हीं सब विवाद की वजह से पहले राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने यहां जाना कैंसिल कर दिया था और अब ऐसी भी खबरें आ रही है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी इस कार्यक्रम में ना जाएं।
दूसरी तरफ इस विश्व सांस्कृतिक महोत्सव के लिये सेना ने दो तैरता हुआ पुल बना दिया। सेना का कहना है कि वो ये सब रक्षा मंत्रालय के कहने पर कर रही है। रक्षा मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि आर्ट ऑफ़ लिविंग की तरफ रक्षा मंत्रालय के पास 6 पंटून ब्रिज का आवेदन आया था लेकिन सेना ने 6 पंटून ब्रिज बनाने से इंकार कर दिया।
उसके बाद रक्षा मंत्री ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर बी.एस. बस्सी से इस बारे में पूछा। पुलिस कमिश्नर ने कहा की लाखों लोगों की भीड़ को देखते हुए भगदड़ का खतरा है। ऐसे में सेना को ब्रिज बनाने का काम करना चाहिए। इसके बाद रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर ने सेना को यमुना नदी के ऊपर एक पंटून ब्रिज बनाने का आदेश दिया।
रक्षा मंत्री ने एक निजी संस्थान के काम में सेना के इस्तेमाल के विवाद पर कहा कि लाखों लोगों की जानमाल की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सेना से पुल बनाने के लिए कहा गया है। सेना पहले भी लोगों की सुरक्षा के लिए कुम्भ मेले और दूसरे मौकों पर ऐसा काम करती रही है। फ़िलहाल सेना की इंजीनियर कोर के जवानों ने यमुना नदी पर एक ब्रिज बनाया है और एक और पर काम चल रहा है।
रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने रक्षा सचिव जी मोहन कुमार को निजी संस्थान और जनहित से जुड़े ऐसे कार्यों में सेना के इस्तेमाल पर नई गाइड लाइन बनाने का आदेश दिया है। इस पर सेना के पूर्व लेफ्टिनेंट जनरल शंकर प्रसाद कहते है ये गलत परंपरा की शुरुआत है और वो भी निजी कार्यक्रम में। अब तक कुंभ या दूसरे कामों के लिये जहां भी सेना का इस्तेमाल हुआ है वो या तो सरकार खुद करवा रही थी या फिर उसके आयोजन में जुड़ी थी लेकिन इस मामले में ऐसा कुछ भी नहीं है। शायद इन्हीं सब विवाद की वजह से पहले राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने यहां जाना कैंसिल कर दिया था और अब ऐसी भी खबरें आ रही है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी इस कार्यक्रम में ना जाएं।
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