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This Article is From Jul 10, 2019

...तो क्या पश्चिम बंगाल में भी लागू होगा एनआरसी, केंद्र सरकार ने दिया कुछ ऐसा जवाब

गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने कहा गया है कि फिलहाल हम इसे असम में लागू कर रहे हैं, पश्चिम बंगाल में यह कब लागू होगा इसे लेकर अभी कुछ भी तय नहीं है.

...तो क्या पश्चिम बंगाल में भी लागू होगा एनआरसी, केंद्र सरकार ने दिया कुछ ऐसा जवाब
केंद्र सरकार ने कहा पश्चिम बंगाल में फिलहाल लागू नहीं होगा एनआरसी
Quick Take
Summary is AI generated, newsroom reviewed.
पश्चिम बंगाल में अभी लागू नहीं होगा एनआरसी
राज्यसभा में केंद्र सरकार ने दिया जवाब
असम में लागू हो चुका है एनआरसी
नई दिल्ली:

असम में राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) को लागू करने के बाद अब पश्चिम बंगाल में भी इसे लागू करने को लेकर चर्चाएं शुरू हो गई हैं. केंद्र सरकार ने पश्चिम बंगाल में एनआरसी को लागू करने को लेकर कुछ भी साफ तौर पर  नहीं कहा है. बुधवार को गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने कहा गया है कि फिलहाल हम इसे असम में लागू कर रहे हैं, पश्चिम बंगाल में यह कब लागू होगा इसे लेकर अभी कुछ भी तय नहीं है. नित्यानंद राय ने राज्यसभा को एनआरसी के बारे में पूछे गए एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि नागरिकता अधिनियम, 1955 और नागरिकता नियमावली 2003 के नियम 4ए (4) के अंतर्गत तैयार अनुसूची में निहित प्रावधानों के अनुसार, नागरिकों के राष्ट्रीय रजिस्टर (एनआरसी) को आज की स्थिति में केवल असम राज्य में लागू किया जा रहा है.

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बता दें कि पश्चिम बंगाल से रीताव्रता बनर्जी ने प्रश्न पूछा था कि क्या एनआरसी को पश्चिम बंगाल में लागू किया जा रहा है. गौरतलब है कि उच्चतम न्यायालय की निगरानी में हो रही एनआरसी की प्रक्रिया का उद्देश्य अवैध प्रवासियों की पहचान करना है. एनआरसी की प्रक्रिया केवल असम में हुई है जहां बांग्लादेश से बड़ी संख्या में आए अवैध प्रवासी रह रहे हैं. एनआरसी का मसौदा पिछले साल 30 जुलाई को प्रकाशित हुआ था जिसमें 40.7 लाख लोगों के नाम नहीं थे. इससे खासा विवाद शुरू हो गया था. मसौदे में शामिल करने के लिए 3.29 करोड़ आवेदन प्राप्त हुए जिनमें से 2.9 करोड़ लोगों के नाम इसमें शामिल किए गए. असम के लिए अंतिम एनआरसी सूची 31 जुलाई 2019 को प्रकाशित होगी. 

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गौरतलब है कि कुछ दिन पहले ही गृहमंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में कहा था कि देश में घुसपैठ रोकने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा था कि हम NRC लाकर घुसपैठियों को चुन-चुनकर बाहर निकालेंगे. वहीं अमित शाह ने यह भी जोर देकर देकर कहा है कि हिंदू शरणार्थियों के लिए भी सरकार प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा था कि नागरिक संशोधन बिल लाकर सभी हिंदू शरणार्थियों को भारत की नागरिकता दी जाएगी. इससे पहले जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रपति शासन की अवधि 6 महीने बढ़ाने और जम्मू-कश्मीर आरक्षण बिल पर राज्यसभा में चर्चा का जवाब देते हुए कहा था कि घाटी सहित जम्मू कश्मीर के प्रत्येक हिस्से के लोगों के विकास के प्रति नरेन्द्र मोदी सरकार की प्रतिबद्धता जताते हुए.    गृह मंत्री अमित शाह  ने कहा था कि राज्य में ‘‘आतंकवाद एवं अलगाववाद'' को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा तथा ऐसे लोगों को ‘‘कठोरता एवं कठिनाइयों'' का सामना करना पड़ेगा.  राज्य में विधानसभा चुनाव के लिए चुनाव आयोग जब भी तैयार होगा, केन्द्र सरकार एक दिन की भी देरी नहीं करेगी.   

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गृह मंत्री के जवाब के बाद सदन ने इस संकल्प और विधेयक को ध्वनिमत से पारित कर दिया. लोकसभा इन्हें पहले ही पारित कर चुकी है. उच्च सदन ने अध्यादेश के खिलाफ विपक्ष द्वारा पेश प्रस्ताव को ध्वनिमत से नामंजूर कर दिया. इससे पहले शाह ने चर्चा का उल्लेख करते हुए कहा था कि इसमें यह बात सर्वमान्य रूप से सामने आयी है कि जम्मू कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है. यह संदेश जम्मू कश्मीर मुद्दे का हल निकालने और घाटी के लोगों का मनोबल बढ़ाने में मददगार होगा. उन्होंने कहा था कि जम्मू कश्मीर देश का अभिन्न अंग है और इसे हिन्दुस्तान से कोई अलग नहीं कर सकता.' उन्होंने कहा था कि नरेन्द्र मोदी सरकार की आतंकवाद के प्रति ‘‘कतई बर्दाश्त नहीं करने '' की नीति है और हम उसको हर पल निभाने के लिए प्रतिबद्ध हैं. 


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