यह ख़बर 20 जनवरी, 2013 को प्रकाशित हुई थी

दिल्ली गैंगरेप पीड़ित का बलिदान व्यर्थ नहीं जाने देंगे : सोनिया गांधी

खास बातें

  • कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने स्वीकार किया कि राजनीतिक प्रक्रिया से लोगों का मोहभंग हो रहा है। उन्होंने इस मोहभंग के कारणों को समझने और संवेदनशीलता से उन्हें दूर करने का पार्टीजनों से आग्रह किया।
जयपुर:

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने स्वीकार किया कि राजनीतिक प्रक्रिया से लोगों का मोहभंग हो रहा है। उन्होंने इस मोहभंग के कारणों को समझने और संवेदनशीलता से उन्हें दूर करने का पार्टीजनों से आग्रह किया।

दिल्ली में हाल ही में हुई सामूहिक बलात्कार की घटना की चर्चा करते हुए सोनिया गांधी ने कहा कि इस घटना के खिलाफ पूरे देश में रोष उत्पन्न हुआ है और महिलाओं की सुरक्षा की बात जोरदार ढंग से उठी है। उन्होंने कहा कि लोग इस घटना का जवाब और कार्रवाई मांग रहे हैं, जो सही है।

उन्होंने कहा कि बहादुर लड़की ने एक तरह से अपना बलिदान देकर लोगों के मन में महिलाओं की सुरक्षा के प्रति लोगों को जागरूक किया है। सोनिया ने कहा कि हम यह सुनिश्चित करेंगे कि उसका बलिदान व्यर्थ न जाए, क्योंकि वह हजारों महिलाओं और बच्चों का प्रतीक है, जो ऐसी घटनाओं से दो-चार हुए हैं और जिनका जीवन बर्बाद हुआ और जिन्हें न्याय नहीं मिला।

कांग्रेस अध्यक्ष ने दो दिवसीय चिंतन शिविर के बाद कांग्रेस महासमिति की बैठक के अपने भाषण में राजनीतिक प्रक्रिया से मोहभंग को दूर करने और लोगों का भरोसा लौटाने के लिए चुनाव सुधारों और खासतौर पर पॉलिटिकल फंडिंग पर विचार की भी आवश्यकता बताई। उन्होंने कहा कि चुनाव सुधारों को अमली जामा पहनाने के लिए एक स्पष्ट और समयबद्ध कार्यक्रम बनाए जाने की जरूरत है। इस संदर्भ में उन्होंने पार्टी में एक समूह का गठन करने का ऐलान किया, जो इस संबंध में सभी सुझावों पर विचार करेगा और जल्द ही अपनी सिफारिशें देगा।

पार्टीजनों को उन्होंने आगाह किया कि लोकसभा के चुनाव में सिर्फ 15 महीने रह गए हैं और उसमें अच्छा प्रदर्शन करने के लिए सबसे बड़ी चुनौती खुद की एकजुटता और अनुशासन बनाए रखने की है। उन्होंने कहा कि अगले 15 महीनों में लोकसभा के अलावा कई राज्यों में भी चुनाव होने हैं और मुझे विश्वास है कि यदि हम सही तरीके से तथा एकता के साथ काम करेंगे, तो कोई वजह नहीं कि हमें फिर से जनादेश न मिले।

सोनिया गांधी ने कहा कि हमारे कार्यकर्ताओं की अपने नेताओं से सिर्फ एक ही अपेक्षा है और वह है एकता और अनुशासन। उन्होंने कहा कि हमें उनके इस विश्वास पर खरा उतरना होगा, क्योंकि पार्टी की विजय ही हम सब की विजय है। पार्टी के पदाधिकारियों द्वारा अपने चहेतों को आगे बढ़ाने की प्रवृत्ति पर कड़ी टिप्पणी करते हुए पार्टी अध्यक्ष ने कहा, यह पार्टी ही है, जिसने उन्हें यह पद प्रदान किए हैं और अब यह उनका दायित्व है कि वे अपना दायरा विकसित करें और अपना सहयोग केवल अपने चहेतों तक ही सीमित न रखें, बल्कि सभी कार्यकर्ताओं को दें।

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बीजेपी का नाम लिए बिना सोनिया गांधी ने कहा कि हम उन सभी विचारधाराओं और ताकतों का हमेशा मुकाबला करेंगे, जो भारत की एकता और अखंडता को चुनौती देती हैं, जो हमारे समाज का ध्रुवीकरण करना चाहते हैं और जो हमें विभाजित करना चाहते हैं। उन्होंने दावा किया कि अकेली कांग्रेस पार्टी भारत की एकता और अखंडता का मुख्य प्रतीक है। हम न सिर्फ भारत, बल्कि हम भारत के भावनात्मक एकता के लिए भी पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं। भ्रष्टाचार का जिक्र करते हुए सोनिया ने कहा कि ये सभी स्तरों पर गहरे तक पैठ बना चुका है और इससे सभी वर्ग और आम समाज प्रभावित हो रहा है। एक पार्टी के रूप में हमें इसके खिलाफ प्रभावी ढंग से लड़ाई लड़नी है।