खास बातें
- अभी कुल कार्य का 71 प्रतिशत मनुष्य करते हैं
- आज मशीनों के माध्यम से जहां 29 प्रतिशत कार्य हो रहे हैं
- 2022 में मनुष्यों की हिस्सेदारी 58 प्रतिशत रह जाएगी
नई दिल्ली: समय के साथ मशीनीकरण तेजी से हो रहा है. इसका असर मानव कौशल से जुड़ीं नौकरियों पर भी पड़ रहा है. मशीनीकरण की रफ्तार देखते हुए एक आंकलन के मुताबिक वर्ष 2025 तक कार्यस्थलों के आधे से अधिक कार्य मशीनों द्वारा किये जाने लगेंगे. हालांकि एक तरफ नौकरियां जाएंगी तो दूसरी तरफ नौकरियां पैदा भी होंगी. मसलन, रोबोट क्रांति से अगले पांच साल में 5.8 करोड़ नई नौकरियां भी सृजित होंगी. एक अध्ययन में यह जानकारी दी गयी है.विश्व आर्थिक मंच के एक नये शोध ‘दी फ्यूचर ऑफ जॉब्स 2018’ के अनुसार, स्वचालन तथा रोबोटों को अपनाने से मनुष्यों के काम करने के तरीके में भारी बदलाव आएगा. हालांकि रोजगारों की कुल संख्या के बारे में परिदृश्य सकारात्मक ही है. सर्वेक्षण में शामिल कंपनियों ने कहा कि अभी कुल कार्य का 71 प्रतिशत मनुष्य करते हैं जबकि 29 प्रतिशत मशीनें. वर्ष 2022 में मनुष्यों की हिस्सेदारी कम होकर 58 प्रतिशत पर आ जाएगी तथा मशीनों द्वारा 42 प्रतिशत कार्य किया जाने लगेगा. वर्ष 2025 तक मशीन 52 प्रतिशत कार्य करने लगेंगी.
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विकसित करने होंगे कौशल
विश्व आर्थिक मंच ने कहा कि नौकरियों के अवसरों में सकारात्मक वृद्धि का अनुमान है और इससे नयी भूमिकाओं की गुणवत्ता, स्थान, स्वरूप और स्थायित्व में महत्वपूर्ण बदलाव आएगा.विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) के अध्ययन के अनुसार वर्ष 2025 तक रोबोट मौजूदा कामकाज का 52 प्रतिशत कार्य संभालने लगेंगे, जो अब की तुलना में करीब दुगुना होगा. डब्ल्यूईएफ ने सोमवार को यह अध्ययन जारी किया.मंच का अनुमान है कि मानवों के लिये ‘‘नई भूमिकाओं’’ में तेजी से इजाफा देखा सकता है. इतना ही नहीं मशीनों एवं कम्प्यूटर कार्यक्रमों के साथ हम कैसे कार्य करें और इनकी गति के साथ कैसे तालमेल बैठायें, इसके लिये मानव को अपने कौशल का निखारना होगा.
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स्विस संगठन ने एक बयान में कहा, ‘‘आज मशीनों के माध्यम से जहां 29 प्रतिशत कार्य हो रहे हैं. वहीं वर्ष 2025 तक मौजूदा कार्यभारों का तकरीबन आधा मशीनों के माध्यम से सम्पन्न होगा.’’जिनेवा के निकट स्थित डब्ल्यूईएफ को रईसों, नेताओं और कारोबारियों की वार्षिक सभा के लिये जाना जाता है, जिसका आयोजन स्विट्जरलैंड के दावोस में होता है.अध्ययन के अनुसार ई-कॉमर्स एवं सोशल मीडिया सहित सेल्स, मार्केटिंग और कस्टमर सर्विस जैसी जिन नौकरियों में ‘‘मानव कौशल’’ की आवश्यकता होती है उनमें मानव कौशल में इजाफा देखा जा सकता है। इसी तरह से रचनात्मकता, आलोचनात्मक सोच और प्रबोधन जैसे कार्यों में भी मानव कौशल बना रहेगा. (इनपुट-भाषा से)
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