बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बीजेपी से सीटों के बंटवारे पर मुहर के बाद मंगलवार शाम को मीडिया से मुखातिब हुए। बिहार विधानसभा चुनाव (BiharAssemblyElections2020) को लेकर उन्होंने कहा कि बीजेपी और जेडीयू के बीच कोई मतभेद या गलतफहमी नहीं है. दोनों दल विकास के मुद्दे को लेकर चुनाव में जाएंगे. प्रेस कान्फ्रेंस में मौजूद उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि गठबंधन के भीतर किसी भी दल को कितनी सीटें मिलें, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ही होंगे. सुशील मोदी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चेहरे का गठबंधन के बाहर किसी अन्य दल को इस्तेमाल नहीं करने दिया जाएगा. इसके लिए चुनाव आयोग से भी संपर्क साधा जाएगा.
सीटों के बंटवारे पर मुहर
प्रेस कान्फ्रेंस में बीजेपी, जेडीयू और छोटे दलों के बीच सीटों के बंटवारे की घोषणा की गई. बिहार विधानसभा की 243 सीटों में बीजेपी 121 सीटों पर लड़ेगी. बीजेपी मुकेश सहनी की पार्टी वीआईपी को अपने कोटे से सीटें देगी.जेडीयू 122 सीटों पर लड़ेगी और वह सात सीटें जीतन राम मांझी की पार्टी हम को देगी. एनडीए से राम विलास पासवान की पार्टी लोजपा अलग हो चुकी है.
कौन क्या कहता है फर्क नहीं पड़ता
लोजपा नेता चिराग पासवान और अन्य नेताओं के बयान पर नीतीश ने कहा कि कौन क्या कहता है, इससे उन्हें फर्क नहीं पड़ता. जेडीयू और बीजेपी सहमति के तहत ही आगे बढ़े हैं और गठबंधन मिलकर काम कर रहा है और आगे भी मिलकर काम करेगा. हम लोगों के मन में कोई भी गलतफहमी नहीं है. हर आदमी अपनी बात कहने को आजाद है.
गठबंधन को तीन चौथाई सीटें मिलेंगी - सुशील मोदी
प्रेस कान्फ्रेंस में उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी और अन्य भाजपा नेता भी थे, सुशील मोदी ने स्पष्ट किया कि जो नीतीश का नेतृत्व बिहार में स्वीकार करेगा, वही राज्य के गठबंधन में रहेगा. सुशील मोदी ने स्पष्ट किया कि चुनाव नतीजों के बाद गठबंधन में किसी भी पार्टी को कितनी भी सीटें आएं, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ही होंगे. उन्होंने दावा किया कि गठबंधन को तीन चौथाई सीटें मिलेंगी और चुनाव बाद किसी अन्य से मदद की दरकार नहीं होगी.
21 लाख प्रवासियों को मदद दी
नीतीश ने कहा कि एक राज्य से दूसरे राज्य में जाने वालों को प्रवासी कहना उचित नहीं है. केरल और पंजाब के लोग भी बिहार में हैं. जब केंद्र सरकार ने निर्णय लिया तो रेलगाड़ी से आने की सुविधा की गई तो बड़े पैमाने पर प्रयास किए गए. राज्य के आठ स्थानों पर लाखों लोग आए. 21 लाख लोगों की मदद की गई. 14 दिन क्वारंटाइन रहे हर व्यक्ति पर 5300 रुपये खर्च किए गए. आचार संहिता लागू होने के बाद मुख्य सचिव को ही हर कार्य के लिए अधिकृत कर दिया गया है.
बिजली-पानी के मुद्दे पर चुनाव लड़ने की चुनौती दी
नीतीश ने कहा कि हमने 24 हजार करोड़ रुपये के बजट को दो लाख करोड़ रुपये तक पहुंचा दिया. राजद के दस लाख नौकरियों के सवाल पर नीतीश ने कहा कि इसका भी हम आंकड़ा देने को तैयार हैं. सुशील मोदी ने भी विपक्ष को बिजली, पानी, बाढ़ या कोरोना जैसे मुद्दों को लेकर चुनाव में उतरने की चुनौती दी.
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