
मालेगांव धमाका मामला में लेफ्टिनेंट कर्नल श्रीकांत पुरोहित ने करीब 9 साल जेल में बिताए हैं
- 'अगर मैंने गलत काम किया होता, तो परिवार मेरे साथ खड़ा नहीं रहता'
- 'जो हुआ उसे मैं अपनी किस्मत का दोष मानता हूं'
- 'जेल से छूटने के 24 घंटे के भीतर मुझे सेना के ऑफिस में रिपोर्ट करना है'
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इस बीच खबर है कि सेना की एक टीम जेल का जायजा लेकर गई है और बहुत उम्मीद है कि अब सेना वाले खुद कर्नल पुरोहित को बुधवार को अपने साथ पुणे उनके घर तक के ले जाएं. अदालत परिसर में दिन भर मीडिया लेफ्टिनेंट कर्नल पुरोहित से बात करने की कोशिश करती रही. मामले की सुनवाई इन कैमरा होने की वजह से एनआईए कोर्ट में मीडिया को जाने की इजाजत नहीं थी, इसलिए जैसे ही लेफ्टिनेंट कर्नल बाहर आते मीडिया उनसे सवालों की बौछार कर देती. कभी वह जवाब देते तो कभी मुस्कुराकर सवाल टाल देते.
'जो हुआ, उसके लिए तकदीर दोषी'
ऐसे ही एक सवाल के जवाब में पुरोहित ने बताया कि अगर उन्होंने कोई गलत काम किया होता, तो उनका परिवार उनके साथ खड़ा नहीं रहता. उन्होंने बताया कि छूटने के 24 घंटे के भीतर उन्हें सेना दफ्तर में रिपोर्ट करना है. उन्होंने ये भी कहा कि उनके साथ जो भी हुआ है, उसके लिए वो किसी और को नहीं, अपनी तकदीर को ही दोष देंगे. लेफ्टिनेंट ने बताया कि उनका पूरा खानदान आर्मी में रहा है और वह अपने बच्चों को भी सेना में ही भेजेंगे.
VIDEO : मालेगांव ब्लास्ट केस में श्रीकांत पुरोहित को सुप्रीम कोर्ट से जमानत
9 साल बाद ही सही जमानत मिलने से लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद श्रीकांत पुरोहित को बड़ी राहत जरूर मिली है, लेकिन असली कानूनी लड़ाई अभी बाकी है और असली जीत तो अदालत से निर्दोष करार दिए जाने पर ही मानी जाएगी.
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