मोदी कैबिनेट में शामिल मंत्री ने मंदिर मुद्दा उठाने के लिए बीजेपी की आलोचना की है.
नई दिल्ली:
मोदी सरकार की कैबिनेट में शामिल केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा को मंदिर-मस्जिद को लेकर राजनीति से परहेज है. उनका कहना है कि किसी राजनीतिक दल को ऐसा मुद्दा नहीं उठाना चाहिए क्योंकि यह किसी पार्टी का काम नहीं है. राष्ट्रीय लोकसमता पार्टी (रालोसपा) के प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) से अलग होंगे या नहीं, यह तो अभी भविष्य के गर्त में है, लेकिन उन्होंने गुरुवार को पार्टी के चिंतन शिविर के बाद यहां खुले अधिवेशन में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने भाजपा को लोकसभा चुनाव से पहले अयोध्या में राम मंदिर बनाने का मुद्दा उठाने पर आड़े हाथों लेते हुए कहा कि मंदिर, मस्जिद बनवाना राजनीतिक दलों का काम नहीं है. उन्होंने बिहार में कथित 'नीतीश मॉडल' पर तंज कसते हुए कहा कि नीतीश मॉडल से बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर का सपना पूरा नहीं हो सकता.
रालोसपा के वाल्मीकिनगर में दो दिवसीय राजनीतिक चिंतन शिविर के बाद गुरुवार को मोतिहारी में खुला अधिवेशन में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि शिक्षा के बिना विकास की बात करना बेमानी है. उन्होंने नीतीश सरकार को निकम्मी सरकार बताते हुए कहा कि बिहार में आज जो कानून व्यवस्था की हालत है, वह पूर्ववर्ती लालू सरकार से भी बदतर हो गई है.उन्होंने कहा कि पार्टी के चिंतन शिविर में वर्तमान सरकार को उखाड़ फेंकने का संकल्प लिया गया है, जिसमें रालोसपा के कार्यकर्ता आज से जुट गए हैं. कुशवाहा ने बिहार में शिक्षा व्यवस्था की बदतर हालत पर चिंता जाहिर करते हुए इसके लिए व्यवस्था को दोषी बताया और आरोप लगाया कि बिहार के स्कूलों में अभी ऐसे शिक्षकों की बहाली की गई है जो सही ढंग से आवेदन भी नहीं लिख सकते.
उन्होंने बिहार भाजपा इकाई को नीतीश की 'बी' टीम बताते हुए कहा कि बिहार भाजपा नीतीश के सामने दंडवत हो गई है. नीतीश कुमार कुछ दिनों पहले जिस भाजपा हो 'भारतीय जुमला पार्टी' कहते थे, बिहार भाजपा की आज वही स्थिति है. रालोसपा प्रमुख ने एक बार फिर लोकसभा चुनाव के लिए सीट बंटवारे की चर्चा करते हुए कहा कि उन्होंने इस मामले को लेकर भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने की कोशिश की थी, लेकिन मिलने का समय नहीं दिया गया.
कुशवाहा ने इससे पहले कहा था कि चिंतन शिविर के बाद छह दिसंबर को वह घोषणा करेंगे कि राजग में ही रहना है या इससे निकल जाना है, मगर पूरा दिन बीत जाने के बाद भी उन्होंने कोई स्पष्ट घोषणा नहीं की. दीगर बात है कि उन्होंने अपने संबोधन में यह जरूर कहा कि वह अभी भी केंद्र सरकार में मंत्री हैं. (इनपुट-IANS)
वीडियो- याचना नहीं अब रण होगा: उपेंद्र कुशवाहा
रालोसपा के वाल्मीकिनगर में दो दिवसीय राजनीतिक चिंतन शिविर के बाद गुरुवार को मोतिहारी में खुला अधिवेशन में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि शिक्षा के बिना विकास की बात करना बेमानी है. उन्होंने नीतीश सरकार को निकम्मी सरकार बताते हुए कहा कि बिहार में आज जो कानून व्यवस्था की हालत है, वह पूर्ववर्ती लालू सरकार से भी बदतर हो गई है.उन्होंने कहा कि पार्टी के चिंतन शिविर में वर्तमान सरकार को उखाड़ फेंकने का संकल्प लिया गया है, जिसमें रालोसपा के कार्यकर्ता आज से जुट गए हैं. कुशवाहा ने बिहार में शिक्षा व्यवस्था की बदतर हालत पर चिंता जाहिर करते हुए इसके लिए व्यवस्था को दोषी बताया और आरोप लगाया कि बिहार के स्कूलों में अभी ऐसे शिक्षकों की बहाली की गई है जो सही ढंग से आवेदन भी नहीं लिख सकते.
उन्होंने बिहार भाजपा इकाई को नीतीश की 'बी' टीम बताते हुए कहा कि बिहार भाजपा नीतीश के सामने दंडवत हो गई है. नीतीश कुमार कुछ दिनों पहले जिस भाजपा हो 'भारतीय जुमला पार्टी' कहते थे, बिहार भाजपा की आज वही स्थिति है. रालोसपा प्रमुख ने एक बार फिर लोकसभा चुनाव के लिए सीट बंटवारे की चर्चा करते हुए कहा कि उन्होंने इस मामले को लेकर भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने की कोशिश की थी, लेकिन मिलने का समय नहीं दिया गया.
कुशवाहा ने इससे पहले कहा था कि चिंतन शिविर के बाद छह दिसंबर को वह घोषणा करेंगे कि राजग में ही रहना है या इससे निकल जाना है, मगर पूरा दिन बीत जाने के बाद भी उन्होंने कोई स्पष्ट घोषणा नहीं की. दीगर बात है कि उन्होंने अपने संबोधन में यह जरूर कहा कि वह अभी भी केंद्र सरकार में मंत्री हैं. (इनपुट-IANS)
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