इन दिनों बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मुश्किलें जितना विपक्ष के नेता अपने बयानों से नहीं बढ़ाते हैं उससे ज़्यादा सरकार की किरकिरी सत्ता में उनके सहयोगी भाजपा के नेता अपने बयानों से करा देते हैं. जल जमाव के दौरान भले नगर विकास विभाग भाजपा के पास पिछले वर्षों से हो लेकिन वो चाहे केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह हो या बिहार भाजपा के अध्यक्ष संजय जयसवाल सबने नीतीश कुमार को निशाने पर रखकर सरकार की आलोचना की. ताज़ा घटनाक्रम में बिहार भाजपा के अध्यक्ष संजय जायसवाल ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को एक पत्र लिखकर आरोप लगाया है कि उनकी संसदीय क्षेत्र बेतिया में कई सड़कों के निर्माण में इंजीनियर और ठेकेदार मिलकर भ्रष्टाचार कर रहे हैं .उन्होंने यह भी कहा है कि जिन इलाकों में बाढ़ नहीं आई उसे भी बाढ़ ग्रस्त दिखाकर पैसे का बंदरबांट किया जा रहा है .
निश्चित रूप से राज्य सरकार के लिए जयसवाल का यह पत्र परेशानी का सबब है क्योंकि वे ना केवल सत्ता में सहयोगी हैं बल्कि बिहार भाजपा के अध्यक्ष भी हैं. और उनके इस पत्र को मुद्दा बनाकर विपक्ष आने वाले दिनों में सरकार को घेरेगा. लेकिन भाजपा के नेताओं का कहना है कि जिला स्तर पर जिस प्रकार से भाजपा के सांसद और विधायकों की भूमिका को अधिकारी नज़रअंदाज़ कर रहे हैं वैसे में उनकी करतूतों को उजागर करने के अलावा और कोई चारा नहीं बचा है .उनका ये भी कहना है कि यह पत्र जानबूझ कर मीडिया को लीक किया गया है, जिससे कि कोई इस बात से इनकार न कर सके. ख़ुद जयसवाल ने अपने पत्र में माना है की वो शुक्रवार से नीतीश कुमार की चंपारण यात्रा के मद्देनज़र इन मुद्दों को आधार बनाकर उनको पत्र लिख रहे हैं .
वहीं जनता दल युनाइटेड के नेताओं का कहना है कि शायद संजय जयसवाल भूल जाते हैं कि वो सरकार में सहयोगी है और उन्हें सहयोगी की मर्यादा का ख्याल नहीं था और वो जानबूझकर इसकी सीमा लांघ रहे हैं.
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