मोहम्मद इमरान
अलवर:
देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीती रात लंदन में आयोजित एक कार्यक्रम में करीब 60 हजार लोगों के बीच 80 मिनट का भाषण दिया था, जिसमें प्रधानमंत्री ने अलवर के इमरान की तारीफ करते हुए कहा कि असली भारत इमरान जैसे लोगों में ही बसता है।
पीएम मोदी ने कहा कि इमरान ने देश के लिए संचार क्रांति के इस युग में 52 फ्री मोबाइल ऐप देकर शिक्षा के क्षेत्र में नई क्रांति पैदा कर दी है।
शिक्षक के पद पर तैनात हैं इमरान
अलवर जिले के मालाखेड़ा क्षेत्र के खारडा गांव में मोहम्मद इमरान पैदा हुए। गरीब परिवार जन्मे इमरान ने जब पढ़ाई शुरू की थी तो गांव में बिजली भी उपलब्ध नहीं थी और लालटेन की रोशनी में पढ़ कर शिक्षा प्राप्त की और अब राजकीय संस्कृत माध्यमिक विद्यालय में शिक्षक के पद पर तैनात हैं। वर्ष 2011 में स्कूल की वेबसाइट बनाने का काम शुरू किया था, इसके बाद तत्कालीन जिला कलेक्टर आशुतोष एटी पेंडणेकर ने शिक्षा में नवाचार के लिए एकता प्रोजेक्ट शुरू किया और इमरान को इस प्रोजेक्ट से जोड़ा।
इसके बाद उन्होंने मोबाइल ऐप्स बनाना शुरू किया और अभी तक 52 मोबाइल ऐप बना चुके हैं। इमरान अभी भी छात्रों को नए मोबाइल ऐप्स देने में जुटे हुए हैं। इमरान कहते हैं कि ऐप बनाने में उन्हें आनंद आता है।
कोई इंजीनियरिंग की डिग्री नहीं है
उल्लेखनीय है कि इमरान के पास कोई इंजीनियरिंग की डिग्री नहीं है। हां, स्कूल की वेबसाइट डिजाइन करने के बाद उन्होंने इंजीनियरिंग कर रहे अपने भाई की किताबें जरूर पढ़ीं और ऐप बनाना शुरू कर दिया। मेहनत और लगन के चलते उन्होंने एक के बाद एक 50 से ज्यादा ऐप बना दिए।
इनमें ऐसे ऐप्स भी हैं कि छात्रों की पढ़ाई आसान हो जाए या फिर वे किसी कम्पटीशन की तैयारी कर सकें।
सब कुछ पैसों के लिए नहीं किया जाता
इमरान कहते हैं कि सब कुछ पैसों के लिए नहीं किया जाता। उनका कहना है कि ये ऐप उन्होंने ऐसे लोगों के लिए बनाया है जो गरीब हैं, जो ऐप खरीद नहीं सकते। उन्होंने बताया कि 2012 से उनके ऐप का काफी लोगों ने प्रयोग किया है। अब तक करीब 4 करोड़ स्क्रीनव्यू हो चुके हैं।
इमरान बेहद साधारण इंसान हैं। दो कमरों के घर में रहते हैं और पांच सदस्यों के परिवार का पालन पोषण करते हैं। उन्हें इस बात से हैरत हुई कि विदेश में प्रधानमंत्री मोदी ने उदाहरण देने के लिए उन्हें चुना।
इमरान को पढ़ाने वाले टीचर ने कहा कि पढ़ाई में इमरान शुरू से ही तेज था। जब कल उकारनामे के बारे में सुना तो उनकी आंखों में आंसू आ गए।
पीएम मोदी ने कहा कि इमरान ने देश के लिए संचार क्रांति के इस युग में 52 फ्री मोबाइल ऐप देकर शिक्षा के क्षेत्र में नई क्रांति पैदा कर दी है।
शिक्षक के पद पर तैनात हैं इमरान
अलवर जिले के मालाखेड़ा क्षेत्र के खारडा गांव में मोहम्मद इमरान पैदा हुए। गरीब परिवार जन्मे इमरान ने जब पढ़ाई शुरू की थी तो गांव में बिजली भी उपलब्ध नहीं थी और लालटेन की रोशनी में पढ़ कर शिक्षा प्राप्त की और अब राजकीय संस्कृत माध्यमिक विद्यालय में शिक्षक के पद पर तैनात हैं। वर्ष 2011 में स्कूल की वेबसाइट बनाने का काम शुरू किया था, इसके बाद तत्कालीन जिला कलेक्टर आशुतोष एटी पेंडणेकर ने शिक्षा में नवाचार के लिए एकता प्रोजेक्ट शुरू किया और इमरान को इस प्रोजेक्ट से जोड़ा।
इसके बाद उन्होंने मोबाइल ऐप्स बनाना शुरू किया और अभी तक 52 मोबाइल ऐप बना चुके हैं। इमरान अभी भी छात्रों को नए मोबाइल ऐप्स देने में जुटे हुए हैं। इमरान कहते हैं कि ऐप बनाने में उन्हें आनंद आता है।
कोई इंजीनियरिंग की डिग्री नहीं है
उल्लेखनीय है कि इमरान के पास कोई इंजीनियरिंग की डिग्री नहीं है। हां, स्कूल की वेबसाइट डिजाइन करने के बाद उन्होंने इंजीनियरिंग कर रहे अपने भाई की किताबें जरूर पढ़ीं और ऐप बनाना शुरू कर दिया। मेहनत और लगन के चलते उन्होंने एक के बाद एक 50 से ज्यादा ऐप बना दिए।
इनमें ऐसे ऐप्स भी हैं कि छात्रों की पढ़ाई आसान हो जाए या फिर वे किसी कम्पटीशन की तैयारी कर सकें।
सब कुछ पैसों के लिए नहीं किया जाता
इमरान कहते हैं कि सब कुछ पैसों के लिए नहीं किया जाता। उनका कहना है कि ये ऐप उन्होंने ऐसे लोगों के लिए बनाया है जो गरीब हैं, जो ऐप खरीद नहीं सकते। उन्होंने बताया कि 2012 से उनके ऐप का काफी लोगों ने प्रयोग किया है। अब तक करीब 4 करोड़ स्क्रीनव्यू हो चुके हैं।
इमरान बेहद साधारण इंसान हैं। दो कमरों के घर में रहते हैं और पांच सदस्यों के परिवार का पालन पोषण करते हैं। उन्हें इस बात से हैरत हुई कि विदेश में प्रधानमंत्री मोदी ने उदाहरण देने के लिए उन्हें चुना।
इमरान को पढ़ाने वाले टीचर ने कहा कि पढ़ाई में इमरान शुरू से ही तेज था। जब कल उकारनामे के बारे में सुना तो उनकी आंखों में आंसू आ गए।
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