Atal Bihari Vajpayee: स्मृति ईरानी ने अटल जी के भाषण का संसद में जिक्र किया था.
नई दिल्ली:
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी (Atal Bihari Vajpayee) की हालत बेहद ही नाजुक है और फिलवक्त वह दिल्ली के एम्स (AIIMS) में भर्ती हैं. उन्हें लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर रखा गया है. देश उनके स्वस्थ होने की दुआ कर रहा है. कई केंद्रीय मंत्री एम्स में मौजूद हैं. बुधवार को केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी भी अटल जी को देखने गई थीं. स्मृति ईरानी अटल जी से काफी प्रभावित रही हैं, इसका उदाहरण उस वक्त दिखा था, जब उन्होंने देश विरोधी नारे लगाने वालों को सदन से फटकार लगाई थी.
जब पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की 'मौत से ठन गई'!
दरअसल, राजधानी के प्रतिष्ठित जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्याल में जब देश विरोधी नारे लगाए जाने की बात सामने आई तो पूरे देश में इसे लेकर काफी तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिली. संसद में इस मसले पर जमकर बहस हुई. इस बहस के दौरान केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने एक घटना का जिक्र किया. स्मृति ईरानी ने कहा कि 'सत्ता तो इंदिरा गांधी ने भी खोई थी लेकिन उनके बेटों ने कभी भारत की बर्बादी के नारों का समर्थन नहीं किया था.'
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी इन बीमारियों से हैं पीड़ित, AIIMS में हालत नाजुक
'भारत तेरे टुकड़ें होंगे...' जैसे नारे से दुखी स्मृति ईरानी ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की बातों का उल्लेख किया था. पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के शब्दों को जब स्मृति ईरानी ने अपनी आवाज दी तो वह आवाज यादगार बन गई. अगले दिन कई अखबारों में उनके भाषण की चर्चा छपी थी. श्रीमती ईरानी ने वाजेपयी जी की कही बातों को बड़ें ही दमदार तरीके से सदन में रखा था.
केंद्रीय मंत्री ईरानी ने कहा, 'भारत कोई भूमि का टुकड़ा नहीं है... एक जीता जागता राष्ट्र पुरूष है. ये वंदन की धरती है. अभिनंदन की धरती है. ये अपर्ण की भूमि है. ये तर्पण की भूमि है. इसकी नदी-नदी हमारे लिए गंगा है. इसका कंकड़-कंकड़ हमारे लिए शंकर है. हम जीएंगे तो इस भारत के लिए और मरेंगे तो इस भारत के लिए... और मरने के बाद भी गंगा जल में बहती हुई हमारी अस्थियों को कोई कान लगाकर सुनेगा तो एक ही आवाज आएगी भारत माता की जय!' स्मृति ईरानी का सदन में दिया गया यह भाषण उनके बेहतरीन भाषणों में से एक है.
देखें स्मृति ईरानी का वीडियो
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दरअसल, राजधानी के प्रतिष्ठित जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्याल में जब देश विरोधी नारे लगाए जाने की बात सामने आई तो पूरे देश में इसे लेकर काफी तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिली. संसद में इस मसले पर जमकर बहस हुई. इस बहस के दौरान केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने एक घटना का जिक्र किया. स्मृति ईरानी ने कहा कि 'सत्ता तो इंदिरा गांधी ने भी खोई थी लेकिन उनके बेटों ने कभी भारत की बर्बादी के नारों का समर्थन नहीं किया था.'
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'भारत तेरे टुकड़ें होंगे...' जैसे नारे से दुखी स्मृति ईरानी ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की बातों का उल्लेख किया था. पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के शब्दों को जब स्मृति ईरानी ने अपनी आवाज दी तो वह आवाज यादगार बन गई. अगले दिन कई अखबारों में उनके भाषण की चर्चा छपी थी. श्रीमती ईरानी ने वाजेपयी जी की कही बातों को बड़ें ही दमदार तरीके से सदन में रखा था.
केंद्रीय मंत्री ईरानी ने कहा, 'भारत कोई भूमि का टुकड़ा नहीं है... एक जीता जागता राष्ट्र पुरूष है. ये वंदन की धरती है. अभिनंदन की धरती है. ये अपर्ण की भूमि है. ये तर्पण की भूमि है. इसकी नदी-नदी हमारे लिए गंगा है. इसका कंकड़-कंकड़ हमारे लिए शंकर है. हम जीएंगे तो इस भारत के लिए और मरेंगे तो इस भारत के लिए... और मरने के बाद भी गंगा जल में बहती हुई हमारी अस्थियों को कोई कान लगाकर सुनेगा तो एक ही आवाज आएगी भारत माता की जय!' स्मृति ईरानी का सदन में दिया गया यह भाषण उनके बेहतरीन भाषणों में से एक है.
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