आनंद शर्मा (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
नोटबंदी को लेकर गुरुवार को राज्यसभा में एक घंटे के लिए बहस तो हुई लेकिन लंच के बाद दोबारा बहस नहीं शुरू हो पाई. आज सुबह 11 बजे शोर-गुल के बीच राज्यसभा शुरू हुई. रोज़ की तरह आज भी विपक्ष हाउस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी की मांग की. कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने प्रधानमंत्री को बुलाने की मांग की. राज्यसभा के डिप्टी चेयरमैन पीजे कुरियन ने कहा कि नोटबंदी वित्तमंत्री का मामला है और ख़ुद वित्तमंत्री अरुण जेटली हाउस में मौजूद हैं तो हाउस चलना चाहिए और इस पर बहस होनी चाहिए. लेकिन विपक्ष सुनने के लिए तैयार नहीं था तो डिप्टी चेयरमैन ने हाउस को 12 बजे तक स्थगित कर दिया.
प्रश्नकाल में प्रधानमंत्री हाउस पहुंचे : प्रश्न काल यानी 12 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हाउस पहुंचे. कांग्रेस की तरफ से ग़ुलाम नबी आज़ाद ने प्रधानमंत्री मोदी के मौजूदगी का स्वागत किया और इसके साथ-साथ यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नोटबंदी के मुद्दे पर संसद के बाहर तो बोलते हैं लेकिन संसद में नहीं बोलते. आज़ाद का कहना था कि पीएम नरेंद्र मोदी केवल बीजेपी के प्रधानमंत्री नहीं, वह कांग्रेस के प्रधानमंत्री भी है. ग़ुलाम नबी आज़ाद ने यह भी साफ किया कि कांग्रेस नोटबंदी के खिलाफ नहीं लेकिन लोगों को जो तकलीफ़ हो रही है, उसके खिलाफ है. हाउस के नेता अरुण जेटली ने यह साफ़ किया कि प्रधानमंत्री बहस में हिस्सा लेंगे और तुरंत बहस करने का अनुरोध किया. बहस की शुरुआत पूर्व प्रधानमंत्री और कांग्रेस के नेता मनमोहन सिंह से शुरू हुई. मनमोहन सिंह ने नोटबंदी को लेकर कई कमियां गिनाईं.
तृणमूल के डेरेक ओब्रायन ने चुनावी चंदे को लेकर सवाल उठाया: समाजवादी पार्टी के तरफ से नरेश अग्रवाल और तृणमूल कांग्रेस के तरफ से डेरेक ओब्रायन ने नोटबंदी को लेकर बोले. डेरेक ओ ब्रायन ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस पार्टी ने हमेशा कालधन और भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज़ उठाई है. डेरेक का कहना था कालाधन को रोकने के लिए नोटबंदी एक पहलू हो सकता है लेकिन चुनाव सुधार को लेकर सरकार क्या कर रही है? डेरेक ने कहा कि राजनैतिक दलों को जो
चुनावी चंदा मिलता है, उनमें से 80 प्रतिशत अज्ञात स्रोत से आता है, इसे लेकर सरकार क्या कर रही है. डेरेक के कहना था तृणमूल इसीलिए नोटबंदी का विरोध कर रही है क्योंकि इससे गरीब परेशान है और नोटबंदी से इकॉनोमी समाप्त हो जाएगी.
मायावती ने सरकार को लोकसभा भंग करने की दी सलाह : लंच के बाद जब दो बजे सदन शुरू हुआ तब प्रधानमंत्री मोदी सदन में नहीं आए. बीएसपी सुप्रीमो मायावती सरकार घेरते हुए बोली की नोटबंदी को लेकर सरकार के जो सर्वे हैं, वह गलत हैं. मायावती का कहना था कि देश के 90 प्रतिशत लोग नोटबंदी के वजह से तकलीफ़ में है. अगर प्रधानमंत्री मानते हैं कि उनका निर्णय सही है तो वह लोकसभा को भंग करें और चुनाव कराएं और जो नतीजे आएंगे उसमें मालूम हो जाएगा कि नोटबंदी सरकार का निर्णय सही है या गलत.
जेटली ने कहा विपक्ष चर्चा से भाग रहा है : लंच के बाद प्रधानमंत्री के हाउस में न आने से विपक्ष ने शोरगुल करना शुरू कर दिया. विपक्ष का कहना था कि प्रधानमंत्री के बिना हाउस में नोटबंदी को लेकर बहस नहीं हो सकती. विपक्ष को जवाब देते हुए हाउस के नेता और वित्तमंत्री ने विपक्ष पर आरोप लगाया कि विपक्ष चर्चा से भागना चाहता है और यह एक नया तरीका है चर्चा से भागने के लिए. अरुण जेटली का यह भी कहना था कि इस सदन की परंपरा के अनुकूल प्रधानमंत्री सदन में आएंगे और चर्चा में भाग लेंगे लेकिन विपक्ष सुनने के लिए तैयार नहीं था और तुरंत प्रधानमंत्री की मौजूदगी के मांग कर रहा था. फिर डिप्टी स्पीकर को तीन बजे तक हाउस को स्थगित करना पड़ा.
जब आनंद शर्मा से सरकार को 2013 का वाक़या याद दिलाया: तीन बजे जब हाउस शुरू हुआ तब विपक्ष ने फिर प्रधानमंत्री की मौजूदगी की मांग की. कांग्रेस के तरफ से आनंद शर्मा ने सरकार को 2013 का वाक़या याद दिलाया. आनंद शर्मा ने बताया कि 30 अगस्त 2013 जो हाउस में बहस थी और उस वक्त के नेता विपक्ष अरुण जेटली ने यह मांग की थी जब तक तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह हाउस में नहीं आएंगे तब तक चर्चा शुरू नहीं होगी.
आनंद शर्मा ने यह भी बताया कि उस वक्त वेंकैया नायडू ने कहा था “हम चाहते हैं कि प्रधानमंत्री हाउस में आए क्योंकि हम एक बहुत महत्पूर्ण विषय पर चर्चा कर रहे हैं. अगर प्रधानमंत्री नहीं आएंगे तो हम अपने ज़िम्मेदारी पूरा नहीं कर पाएंगे”. फिर आनंद शर्मा अपनी बातों को आगे बढ़ाते हुए बोले कि तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह हाउस में आए, चर्चा सुनी और कुछ देर के बाद चले गए. फिर उस वक्त के संसदीय कार्य मंत्री ने हाउस को बताया था कि मनमोहन सिंह एक घंटे के लिए चर्चा सुनी और दोबारा हाउस में वापस आएंगे लेकिन विपक्ष ने मांग की थी कि मनमोहन सिंह हाउस में आएं और हाउस की करवाई ख़त्म होने तक हाउस में रहें. आनंद शर्मा ने बीजेपी पर दोहरेपन का आरोप लगाया.
डिप्टी चेयरमैन ने कहा यह राजनीती है : जब आनंद शर्मा बोल रहे थे तब डिप्टी स्पीकर ने कई बार आनंद शर्मा को रोकने की कोशिश की. डिप्टी चेयरमैन ने आनंद शर्मा से कहा कि बीजेपी जो 2013 में कर रही थी क्या आप अब उसे दोहराना चाहते हैं. डिप्टी चेयरमैन ने आनंद शर्मा से कहा कि क्या आपने उस वक्त़ विपक्ष की आलोचना की थी. डिप्टी चेयरमैं ने कहा कि यह सब राजनीती है, जबकि आनंद शर्मा ने कहा कि यह कोई राजनीती नहीं. फिर हाउस में हंगमा होने लगा और हाउस शुक्रवार के 11 बजे तक स्थगित हो गया.
प्रश्नकाल में प्रधानमंत्री हाउस पहुंचे : प्रश्न काल यानी 12 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हाउस पहुंचे. कांग्रेस की तरफ से ग़ुलाम नबी आज़ाद ने प्रधानमंत्री मोदी के मौजूदगी का स्वागत किया और इसके साथ-साथ यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नोटबंदी के मुद्दे पर संसद के बाहर तो बोलते हैं लेकिन संसद में नहीं बोलते. आज़ाद का कहना था कि पीएम नरेंद्र मोदी केवल बीजेपी के प्रधानमंत्री नहीं, वह कांग्रेस के प्रधानमंत्री भी है. ग़ुलाम नबी आज़ाद ने यह भी साफ किया कि कांग्रेस नोटबंदी के खिलाफ नहीं लेकिन लोगों को जो तकलीफ़ हो रही है, उसके खिलाफ है. हाउस के नेता अरुण जेटली ने यह साफ़ किया कि प्रधानमंत्री बहस में हिस्सा लेंगे और तुरंत बहस करने का अनुरोध किया. बहस की शुरुआत पूर्व प्रधानमंत्री और कांग्रेस के नेता मनमोहन सिंह से शुरू हुई. मनमोहन सिंह ने नोटबंदी को लेकर कई कमियां गिनाईं.
तृणमूल के डेरेक ओब्रायन ने चुनावी चंदे को लेकर सवाल उठाया: समाजवादी पार्टी के तरफ से नरेश अग्रवाल और तृणमूल कांग्रेस के तरफ से डेरेक ओब्रायन ने नोटबंदी को लेकर बोले. डेरेक ओ ब्रायन ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस पार्टी ने हमेशा कालधन और भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज़ उठाई है. डेरेक का कहना था कालाधन को रोकने के लिए नोटबंदी एक पहलू हो सकता है लेकिन चुनाव सुधार को लेकर सरकार क्या कर रही है? डेरेक ने कहा कि राजनैतिक दलों को जो
चुनावी चंदा मिलता है, उनमें से 80 प्रतिशत अज्ञात स्रोत से आता है, इसे लेकर सरकार क्या कर रही है. डेरेक के कहना था तृणमूल इसीलिए नोटबंदी का विरोध कर रही है क्योंकि इससे गरीब परेशान है और नोटबंदी से इकॉनोमी समाप्त हो जाएगी.
मायावती ने सरकार को लोकसभा भंग करने की दी सलाह : लंच के बाद जब दो बजे सदन शुरू हुआ तब प्रधानमंत्री मोदी सदन में नहीं आए. बीएसपी सुप्रीमो मायावती सरकार घेरते हुए बोली की नोटबंदी को लेकर सरकार के जो सर्वे हैं, वह गलत हैं. मायावती का कहना था कि देश के 90 प्रतिशत लोग नोटबंदी के वजह से तकलीफ़ में है. अगर प्रधानमंत्री मानते हैं कि उनका निर्णय सही है तो वह लोकसभा को भंग करें और चुनाव कराएं और जो नतीजे आएंगे उसमें मालूम हो जाएगा कि नोटबंदी सरकार का निर्णय सही है या गलत.
जेटली ने कहा विपक्ष चर्चा से भाग रहा है : लंच के बाद प्रधानमंत्री के हाउस में न आने से विपक्ष ने शोरगुल करना शुरू कर दिया. विपक्ष का कहना था कि प्रधानमंत्री के बिना हाउस में नोटबंदी को लेकर बहस नहीं हो सकती. विपक्ष को जवाब देते हुए हाउस के नेता और वित्तमंत्री ने विपक्ष पर आरोप लगाया कि विपक्ष चर्चा से भागना चाहता है और यह एक नया तरीका है चर्चा से भागने के लिए. अरुण जेटली का यह भी कहना था कि इस सदन की परंपरा के अनुकूल प्रधानमंत्री सदन में आएंगे और चर्चा में भाग लेंगे लेकिन विपक्ष सुनने के लिए तैयार नहीं था और तुरंत प्रधानमंत्री की मौजूदगी के मांग कर रहा था. फिर डिप्टी स्पीकर को तीन बजे तक हाउस को स्थगित करना पड़ा.
जब आनंद शर्मा से सरकार को 2013 का वाक़या याद दिलाया: तीन बजे जब हाउस शुरू हुआ तब विपक्ष ने फिर प्रधानमंत्री की मौजूदगी की मांग की. कांग्रेस के तरफ से आनंद शर्मा ने सरकार को 2013 का वाक़या याद दिलाया. आनंद शर्मा ने बताया कि 30 अगस्त 2013 जो हाउस में बहस थी और उस वक्त के नेता विपक्ष अरुण जेटली ने यह मांग की थी जब तक तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह हाउस में नहीं आएंगे तब तक चर्चा शुरू नहीं होगी.
आनंद शर्मा ने यह भी बताया कि उस वक्त वेंकैया नायडू ने कहा था “हम चाहते हैं कि प्रधानमंत्री हाउस में आए क्योंकि हम एक बहुत महत्पूर्ण विषय पर चर्चा कर रहे हैं. अगर प्रधानमंत्री नहीं आएंगे तो हम अपने ज़िम्मेदारी पूरा नहीं कर पाएंगे”. फिर आनंद शर्मा अपनी बातों को आगे बढ़ाते हुए बोले कि तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह हाउस में आए, चर्चा सुनी और कुछ देर के बाद चले गए. फिर उस वक्त के संसदीय कार्य मंत्री ने हाउस को बताया था कि मनमोहन सिंह एक घंटे के लिए चर्चा सुनी और दोबारा हाउस में वापस आएंगे लेकिन विपक्ष ने मांग की थी कि मनमोहन सिंह हाउस में आएं और हाउस की करवाई ख़त्म होने तक हाउस में रहें. आनंद शर्मा ने बीजेपी पर दोहरेपन का आरोप लगाया.
डिप्टी चेयरमैन ने कहा यह राजनीती है : जब आनंद शर्मा बोल रहे थे तब डिप्टी स्पीकर ने कई बार आनंद शर्मा को रोकने की कोशिश की. डिप्टी चेयरमैन ने आनंद शर्मा से कहा कि बीजेपी जो 2013 में कर रही थी क्या आप अब उसे दोहराना चाहते हैं. डिप्टी चेयरमैन ने आनंद शर्मा से कहा कि क्या आपने उस वक्त़ विपक्ष की आलोचना की थी. डिप्टी चेयरमैं ने कहा कि यह सब राजनीती है, जबकि आनंद शर्मा ने कहा कि यह कोई राजनीती नहीं. फिर हाउस में हंगमा होने लगा और हाउस शुक्रवार के 11 बजे तक स्थगित हो गया.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं