नई दिल्ली:
नोटबंदी के मुद्दे को लेकर संसद में लगातार जारी गतिरोध से सिर्फ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ही नाराज़ नहीं हैं, बल्कि नरेंद्र मोदी सरकार में केंद्रीय मानव संसाधन एवं विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने भी इसे लेकर नाखुशी ज़ाहिर की है.
केंद्रीय विद्यालय स्कूलों के स्थापना दिवस के अवसर पर गुरुवार को आयोजित एक कार्यक्रम में प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि सदन देखने आने वाले केंद्रीय विद्यालय के छात्रों को आखिर वह क्या दिखाएंगे. प्रकाश जावड़ेकर ने इस मुद्दे को लेकर विपक्ष की आलोचना करते हुए कहा, "संसद काम कहां कर रही है...?"
केंद्रीय मंत्री ने इसे लेकर चिंता जताते हुए कहा कि संसद की कार्यवाही देखने आने वाले स्कूली विद्यार्थियों पर इसका क्या प्रभाव पड़ेगा. प्रकाश जावड़ेकर ने कहा, "मैं सोचता हूं कि कार्यवाही देखने आने वाले केंद्रीय विद्यालय के छात्रों को मुझे क्या दिखाना चाहिए... क्या मुझे उन्हें यह दिखाना चाहिए कि संसद में किस तरह का 'हंगामा' होता है... यहां वे अनुशासन का पाठ पढ़कर आएंगे, लेकिन यहां से वह अनुशासनहीनता सीखकर जाएंगे..."
केंद्रीय मानव संसाधन एवं विकास मंत्री ने कहा, "जनता पांच साल में एक बार सरकार चुनती है और लोकतंत्र में जनमत सबसे उपर होता है, लेकिन अगर संसद इस तरह काम नहीं करेगा तो यह अलोकतांत्रिक होगा और जनमत का अपमान होगा..." जावड़ेकर ने आगे कहा, "मुझे लगता है, जनता की राय का उन पर दबाव पड़ेगा... हर किसी को काम करना होता है और संसद में आपको अपनी राय रखनी होती है, यही लोकतंत्र है... आपको विरोध भी करना चाहिए, यह भी लोकतंत्र है... लेकिन निर्वाचित सरकार को काम नहीं करने देने का यह कोई तरीका नहीं है..."
केंद्रीय मंत्री ने कहा, "मेरी परेशानी यह है कि मैं केंद्रीय विद्यालय के छात्रों को आखिर क्या दिखाऊंगा..." उन्होंने मार्च में शिक्षा पर राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित करने की घोषणा की और कहा कि नवाचार और प्रयोग करने वालों को सम्मानित किया जाएगा.
केंद्रीय विद्यालय स्कूलों के स्थापना दिवस के अवसर पर गुरुवार को आयोजित एक कार्यक्रम में प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि सदन देखने आने वाले केंद्रीय विद्यालय के छात्रों को आखिर वह क्या दिखाएंगे. प्रकाश जावड़ेकर ने इस मुद्दे को लेकर विपक्ष की आलोचना करते हुए कहा, "संसद काम कहां कर रही है...?"
केंद्रीय मंत्री ने इसे लेकर चिंता जताते हुए कहा कि संसद की कार्यवाही देखने आने वाले स्कूली विद्यार्थियों पर इसका क्या प्रभाव पड़ेगा. प्रकाश जावड़ेकर ने कहा, "मैं सोचता हूं कि कार्यवाही देखने आने वाले केंद्रीय विद्यालय के छात्रों को मुझे क्या दिखाना चाहिए... क्या मुझे उन्हें यह दिखाना चाहिए कि संसद में किस तरह का 'हंगामा' होता है... यहां वे अनुशासन का पाठ पढ़कर आएंगे, लेकिन यहां से वह अनुशासनहीनता सीखकर जाएंगे..."
केंद्रीय मानव संसाधन एवं विकास मंत्री ने कहा, "जनता पांच साल में एक बार सरकार चुनती है और लोकतंत्र में जनमत सबसे उपर होता है, लेकिन अगर संसद इस तरह काम नहीं करेगा तो यह अलोकतांत्रिक होगा और जनमत का अपमान होगा..." जावड़ेकर ने आगे कहा, "मुझे लगता है, जनता की राय का उन पर दबाव पड़ेगा... हर किसी को काम करना होता है और संसद में आपको अपनी राय रखनी होती है, यही लोकतंत्र है... आपको विरोध भी करना चाहिए, यह भी लोकतंत्र है... लेकिन निर्वाचित सरकार को काम नहीं करने देने का यह कोई तरीका नहीं है..."
केंद्रीय मंत्री ने कहा, "मेरी परेशानी यह है कि मैं केंद्रीय विद्यालय के छात्रों को आखिर क्या दिखाऊंगा..." उन्होंने मार्च में शिक्षा पर राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित करने की घोषणा की और कहा कि नवाचार और प्रयोग करने वालों को सम्मानित किया जाएगा.
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