कांग्रेस से सपा में आए पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कद्दावर नेता इमरान मसूद का क्या होगा?

इमरान मसूद को पहले नकुड़ से टिकट दिया जाना था लेकिन बीजेपी से आए धर्मसिंह सैनी ने उनका समीकरण बिगाड़ा.

कांग्रेस से सपा में आए पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कद्दावर नेता इमरान मसूद का क्या होगा?

धर्म सिंह सैनी के सपा में शामिल होने से इमरान मसूद का सियासी समीकरण बिगड़ता दिख रहा

नई दिल्ली:

कांग्रेस (Congress) का दामन छोड़कर सपा में आए इमरान मसूद के सियासी भविष्य को लेकर तमाम चर्चाएं चल रही है. सहारनपुर में उनके नजदीकियों की मानें तो समाजवादी पार्टी से उनके टिकट पर ऊहापोह बरकरार है. दरअसल बीजेपी के मंत्री धर्म सिंह सैनी के सपा (Samajwadi Party) में शामिल होने से अब इमरान मसूद (Imran Masood) का सियासी समीकरण बिगड़ता दिख रहा है. सूत्रों के मुताबिक इमरान मसूद को पहले नकुड़ से टिकट दिया जाना था लेकिन बीजेपी से आए धर्मसिंह सैनी ने उनका समीकरण बिगाड़ा. फिर बेहट विधानसभा टिकट के लिए दावेदारी पेश की गई तो वहां से सपा के नरेश सैनी बीजेपी में शामिल हो गए और वहां से शाही इमाम के दामाद उमर अली खान की दावेदारी है. 

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जबकि इमरान मसूद के करीबी और सहारनपुर देहात के सिटिंग विधायक मसूद अख्तर का टिकट भी कन्फर्म नहीं है क्योंकि यहां से सपा मुखिया मुलायम सिंह के करीबी आशु मलिक की मजबूत दावेदारी है.

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ऐसे में इमरान मसूद और उनके करीबी को सपा टिकट के लिए खासी जद्दोजहद करनी पड़ रही है. मसूद ने समाजवादी पार्टी में शामिल होने के पहले कहा था कि यूपी में मुख्य मुकाबला समाजवादी पार्टी और भाजपा के बीच है. लिहाजा वो वोटों का बंटवारा नहीं होने देना चाहते.मसूद ने 2007 का विधानसभा चुनाव निर्दलीय के के तौर पर जीता था. मगर 2012 चुनाव कांग्रेस के टिकट पर लड़ा और हार गए. फिर 2013 में वो समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए. इसके अगले साल वह कांग्रेस में वापस आ गए और सहारनपुर से 2014 और 2019 का लोकसभा चुनाव लड़ा. हालांकि वह दोनों चुनाव हार गए. इमरान मसूद के पास अपने क्षेत्र में समर्थकों का एक बड़ा समूह है, खासतौर पर मुस्लिम समुदाय से, जिनकी आबादी उस इलाके में 42 प्रतिशत है.

वर्ष 2014 में इमरान मसूद को एक चुनावी सभा के दौरान कथित तौर पर नफरत भरे भाषण के लिए गिरफ्तार किया गया था और जेल में डाल दिया गया था. तब उन्होंने कथित तौर पर "नरेंद्र मोदी को टुकड़े-टुकड़े करने" की धमकी दी थी. हालांकि बाद में उन्होंने सफाई दी थी कि उन्होंने कभी भी मोदी को जान से मारने की धमकी नहीं दी थी. उनका मतलब था कि मैं उन्हें सबक सिखाऊंगा.

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