सरकार के आमदनी और खर्चों का हिसाब-किताब करने वाली संस्था सीएजी की रिपोर्ट कहती है कि बिना नीलामी के हुए कोयला एलॉटमेंट की वजह से सरकार को जबर्दस्त नुकसान हुआ है।
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नई दिल्ली:
सरकार के आमदनी और खर्चों का हिसाब-किताब करने वाली संस्था सीएजी की रिपोर्ट कहती है कि बिना नीलामी के हुए कोयला एलॉटमेंट की वजह से सरकार को जबर्दस्त नुकसान हुआ है।
जबकि, प्राइवेट कंपनियों को करीब 1 लाख 86 हज़ार करोड़ का फायदा हुआ। अगर नीलामी होती तो इस रकम का एक हिस्सा सरकारी खज़ाने में जाता। रिपोर्ट में स्क्रीनिंग कमेटी की जिम्मेदारी पर भी सवाल उठाए गए हैं और यह भी कहा गया है कि पूरी प्रक्रिया में पारदर्शिता नही बरती गई।
सीएजी ने यह अंदाजा साल 2010−11 की औसत लागत और बिक्री मूल्यों के आधार पर लगाया है। अब बारी अपने बचाव में उतरी सरकार की दलीलों की है।
प्रधानमंत्री कार्यालय के राज्यमंत्री नारायण सामी ने सीएजी रिपोर्ट पर ही सवाल उठाते हुए कहा कि कोल ब्लॉक एलॉटमेंट का तरीका नीतिगत फैसले का नतीजा था। लिहाजा सीएजी को इसपर टिप्पणी करने का हक नहीं है।
सदन में पेश हुई सीएजी की रिपोर्ट अब पीएसी के पास भेजी जानी है जहां इसके हर पहलू पर बारीकी से जांच होगी।
पीएसी के चेयरमैन मुरली मनोहर जोशी ने कहा है कि अगर जरूरत होगी तो संबधित अफसरों से पूछताछ के लिए उन्हें बुलाया जाएगा।
जबकि, प्राइवेट कंपनियों को करीब 1 लाख 86 हज़ार करोड़ का फायदा हुआ। अगर नीलामी होती तो इस रकम का एक हिस्सा सरकारी खज़ाने में जाता। रिपोर्ट में स्क्रीनिंग कमेटी की जिम्मेदारी पर भी सवाल उठाए गए हैं और यह भी कहा गया है कि पूरी प्रक्रिया में पारदर्शिता नही बरती गई।
सीएजी ने यह अंदाजा साल 2010−11 की औसत लागत और बिक्री मूल्यों के आधार पर लगाया है। अब बारी अपने बचाव में उतरी सरकार की दलीलों की है।
प्रधानमंत्री कार्यालय के राज्यमंत्री नारायण सामी ने सीएजी रिपोर्ट पर ही सवाल उठाते हुए कहा कि कोल ब्लॉक एलॉटमेंट का तरीका नीतिगत फैसले का नतीजा था। लिहाजा सीएजी को इसपर टिप्पणी करने का हक नहीं है।
सदन में पेश हुई सीएजी की रिपोर्ट अब पीएसी के पास भेजी जानी है जहां इसके हर पहलू पर बारीकी से जांच होगी।
पीएसी के चेयरमैन मुरली मनोहर जोशी ने कहा है कि अगर जरूरत होगी तो संबधित अफसरों से पूछताछ के लिए उन्हें बुलाया जाएगा।
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