सुबह 8 बजे महाराष्ट्र की सियासी तस्वीर बदल गई थी. BJP के देवेंद्र फडणवीस फिर से महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बन गए थे. NCP विधायक दल के नेता अजित पवार उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ ले चुके थे. यह महाराष्ट्र में अभी तक का सबसे बड़ा सियासी उलट-फेर था जिसने रातों रात सरकार की तस्वीर साफ कर दी थी. महाराष्ट्र में 12 नवंबर से चला आ रहा राष्ट्रपति शासन समाप्त हो गया था.
महाराष्ट्र की सियासी उठापठक पर कई सवाल खड़े हुए जिसकी जानकारी अब निकल कर बाहर आ रही है. कांग्रेस और शिवसेना के नेता आराम करते रह गए और राज्य में सरकार बनने की पूरी कहानी लिख दी गई. कहानी की शुरुआत रात 11:45 बजे होती है जब अजित पवार बीजेपी के साथ डील पर मुहर लगाते हैं. इसकी सूचना पार्टी प्रमुख को देवेंद्र फडणवीस देते हैं और शपथ ग्रहण की तैयारी की जानकारी कांग्रेस और शिवसेना को ना हो इसका इंतजाम करते हैं. इससे पहले राज्यपाल दिल्ली की अपनी यात्रा रद्द कर चुके थे. रात 2 बजे के करीब राज्यपाल के सचिव को बहुमत की जानकारी दी जाती है और यह अनुरोध किया जाता है कि राष्ट्रपति शासन हटाने के लिए आवश्यक कार्रवाई की जाए. राज्यपाल सचिव की तरफ से कहा जाता है कि 2 घंटे में राष्ट्रपति शासन हटाने की अधिसूचना जारी कर दी जाएगी. सुबह 7:30 बजे तक शपथग्रहण की व्यवस्था हो जाएगी.
महाराष्ट्र में उलटफेर पर बोले शरद पवार, सदन में बहुमत साबित नहीं कर पाएंगे फडणवीस
इस बीच रात 1:45 बजे से लेकर सुबह 9 बजे तक अजित पवार बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस के साथ ही रहे और शपथ ग्रहण होने तक नहीं गए. सरकार बनाने के लिए सुबह 5:30 बजे देवेंद्र फडणवीस और एनसीपी विधायक दल के नेता अजित पवार राजभवन पहुंचे और बहुमत का आंकड़ा पेश किया. राज्यपाल की ओर से राष्ट्रपति शासन हटाने की अधिसूचना जारी कर दी गई लेकिन इसकी घोषणा सुबह 9 बजे हुई. सुबह 7:50 बजे शपथ ग्रहण शुरू हो गया. बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली उसके बाद एनसीपी विधायक दल के नेता अजित पवार ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली.
सुबह 8:16 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को ट्विटर के जरिए बधाई दी. इसके बाद शिवसेना नेता संजय राउत की प्रेस कॉन्फ्रेंस हुई और उन्होंने सारी कहानी के लिए अजित पवार को दोषी के रूप में पेश किया. संजय राउत ने कहा कि अजित पवार पर पहले से ही संदेह था. रात की बैठक में वो आंख मिलाकर बात नहीं कर रहे थे. जिसके मन में गलत करने की बात होती है उसकी बॉडी लैग्वेंज दिखने लगती है. रात के अंधेरे में ही पाप किए जाते हैं. संजय राउत ने कहा कि अजित पवार ने महाराष्ट्र की जनता और शिवाजी महाराज के विचारों के साथ विश्वासघात किया है. शरद पवार के साथ धोखा किया है.
Congratulations to @Dev_Fadnavis Ji and @AjitPawarSpeaks Ji on taking oath as the CM and Deputy CM of Maharashtra respectively. I am confident they will work diligently for the bright future of Maharashtra.
— Narendra Modi (@narendramodi) November 23, 2019
उधर बीजेपी नेता का कहना था कि शिवसेना जनता के जनादेश के साथ छल कर रही थी. जनता ने गठबंधन को जनादेश दिया था लेकिन ये कांग्रेस के साथ गठबंधन बनाने की कोशिश कर रहे थे. यह जनादेश का अपमान था. राज्य को एक स्थिर सरकार की जरूरत है जो कांग्रेस नहीं दे सकती है.
मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शिवसेना पर तंज कसते हुए कहा कि महाराष्ट्र में शिवसेना की हालत तो यह हो गई है कि ना खुदा मिला ही ना विसाले सनम. ना इधर के रहे ना उधर के.
महाराष्ट्र में शिवसेना की हालत तो यह हो गई है कि ना खुदा मिला ही ना विसाले सनम। ना इधर के रहे ना उधर के। श्री @Dev_Fadnavis महाराष्ट्र के विकास और जनता के कल्याण के लिए मुख्यमंत्री बने हैं। महाराष्ट्र की जनता को शुभकामनाएं! pic.twitter.com/YshdZoArKx
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) November 23, 2019
इन सब के बीच शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले ने कहा कि परिवार के साथ धोखा हुआ. अब लोग किस पर विश्वास करेंगे? एनसीपी नेता शरद पवार का कहना है कि बीजेपी के साथ सरकार बनाना एनसीपी का निर्णय नहीं है, यह अजित पवार का निर्णय है.
Ajit Pawar's decision to support the BJP to form the Maharashtra Government is his personal decision and not that of the Nationalist Congress Party (NCP).
— Sharad Pawar (@PawarSpeaks) November 23, 2019
We place on record that we do not support or endorse this decision of his.
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि महाराष्ट्र में जो हुआ वह छिपकर करने की क्या आवश्यकता थी, इस प्रकार अचानक राष्ट्रपति शासन का हटना और इस प्रकार शपथ दिलाना कौन-सी नैतिकता है? ये लोग देश में लोकतंत्र को किस दिशा में ले जा रहे हैं? समय आने पर देशवासी इसका जवाब देंगे और बीजेपी को सबक सिखाएंगे.
महाराष्ट्र में जो हुआ वह छिपकर करने की क्या आवश्यकता थी, इस प्रकार अचानक राष्ट्रपति शासन का हटना और इस प्रकार शपथ दिलाना कौनसी नैतिकता है?
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) November 23, 2019
ये लोग देश में लोकतंत्र को किस दिशा में ले जा रहे हैं? समय आने पर देशवासी इसका जवाब देंगे और बीजेपी को सबक सिखाएंगे।
कुछ सवाल भी उठ रहे हैं जिसका जवाब आने वाले समय में ही मिल पाएगा, जैसे- क्या एनसीपी के सभी विधायक बीजेपी सरकार को समर्थन देंगे? क्या एनसीपी पार्टी टूट जाएगी? क्या पवार परिवार में दरार आ गई है? फिलहाल महाराष्ट्र में बीजेपी की सरकार बन गई है और एनसीपी विधायक दल के नेता अजित पवार ने राज्य के उपमुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ले ली है.
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