प्रतीकात्मक फोटो
नई दिल्ली:
दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार से पूछा है कि ऑड-ईवन योजना को 6 दिन हो चुके हैं तो आप एक हफ्ते में इस स्कीम को बंद कर डाटा इकट्ठा क्यों नहीं करते। कोर्ट ने दिल्ली सरकार से कहा है कि आप 15 दिन क्यों चाहते हैं..इसे एक हफ्ते में क्यों नहीं पूरा करते। आपने यह काम पायलेट प्रोजेक्ट के तौर पर लिया है, इसलिए दो दिन और देख सकते हैं और फिर डाटा से देख सकते हैं कि इससे कितना फायदा हुआ है।
शुक्रवार को डाटा लेकर आए दिल्ली सरकार
हाईकोर्ट ने सख्ती बरतते हुए हुए कहा है कि शुक्रवार को दिल्ली सरकार डाटा लेकर आए । इसके साथ ही कोर्ट ने कहा है कि सरकार इस स्कीम को ज्यादा चलाएंगी तो लोगों को और भी दिक्कत होगी। इसलिए 6 दिन का समय यह पता लगाने के लिए काफी है कि इस योजना से प्रदूषण घटा है या नहीं।
दिल्ली सरकार ने कहा था, 15 दिनों के लिए है योजना
हाईकोर्ट ने कहा कि जज कार पूल कर रहे हैं या पैदल आ रहे हैं, लेकिन ये भी सोचना चाहिए कि उनकी फाइलें कैसे आती हैं। कौन लाता है, इस बारे में प्रैक्टिकली सोचिए। इस योजना को लोगों ने स्पोर्ट किया है, इतने दिन काफी हैं। इससे पहले दिल्ली सरकार ने कहा कि ये स्कीम 15 दिनों के लिए है और योजना से दिल्ली में प्रदूषण कम हुआ है। जजों ने भी इसे सपोर्ट किया है और लोग भी इसके लिए तैयार हैं। लोग इस बात को अच्छी तरह जानते हैं कि ये स्वास्थ्य से जुड़ा मामला है।
मामले में दाखिल की गई हैं करीब दर्जन भर याचिकाएं
गौरतलब है कि दिल्ली हाईकोर्ट में करीब 12 याचिकाएं दायर की गई हैं। याचिकाकर्ताओं ने सुनवाई के दौरान दलील दी कि जिस एक्ट के तहत दिल्ली सरकार ने स्कीम शुरू की है वो सेंट्रल एक्ट है और दिल्ली सरकार के पास इसे लागू करने का अधिकार नहीं है।
शुक्रवार को डाटा लेकर आए दिल्ली सरकार
हाईकोर्ट ने सख्ती बरतते हुए हुए कहा है कि शुक्रवार को दिल्ली सरकार डाटा लेकर आए । इसके साथ ही कोर्ट ने कहा है कि सरकार इस स्कीम को ज्यादा चलाएंगी तो लोगों को और भी दिक्कत होगी। इसलिए 6 दिन का समय यह पता लगाने के लिए काफी है कि इस योजना से प्रदूषण घटा है या नहीं।
दिल्ली सरकार ने कहा था, 15 दिनों के लिए है योजना
हाईकोर्ट ने कहा कि जज कार पूल कर रहे हैं या पैदल आ रहे हैं, लेकिन ये भी सोचना चाहिए कि उनकी फाइलें कैसे आती हैं। कौन लाता है, इस बारे में प्रैक्टिकली सोचिए। इस योजना को लोगों ने स्पोर्ट किया है, इतने दिन काफी हैं। इससे पहले दिल्ली सरकार ने कहा कि ये स्कीम 15 दिनों के लिए है और योजना से दिल्ली में प्रदूषण कम हुआ है। जजों ने भी इसे सपोर्ट किया है और लोग भी इसके लिए तैयार हैं। लोग इस बात को अच्छी तरह जानते हैं कि ये स्वास्थ्य से जुड़ा मामला है।
मामले में दाखिल की गई हैं करीब दर्जन भर याचिकाएं
गौरतलब है कि दिल्ली हाईकोर्ट में करीब 12 याचिकाएं दायर की गई हैं। याचिकाकर्ताओं ने सुनवाई के दौरान दलील दी कि जिस एक्ट के तहत दिल्ली सरकार ने स्कीम शुरू की है वो सेंट्रल एक्ट है और दिल्ली सरकार के पास इसे लागू करने का अधिकार नहीं है।
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