Click to Expand & Play
नई दिल्ली:
समलैंगिकता को अपराध बताने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर वित्तमंत्री पी चिदंबरम ने अफसोस जताया है। चिदंबरम ने कहा कि समलैंगिकता पर दिए गए इस फैसले से देश 1860 में चला गया है।
चिदंबरम ने कहा कि वह इस फैसले से काफी निराश हैं। इस फैसले के पीछे जो तर्क दिए गए हैं वह काफी चिंता पैदा करने वाले हैं। उन्होंने कहा कि समलैंगिकता एक असलियत है जो सदियों से चली आ रही है।
चिदंबरम ने कहा कि 2013 में यह कहना कि सभी का लैंगिक झुकाव एक जैसा हो बेहद बेतुका है, यूपीए सरकार इस सिलसिले में सभी विकल्पों पर विचार कर रही है। विधायी विकल्प में अभी वक़्त लगेगा, लेकिन इस विकल्प को खारिज नहीं किया जा रहा है।
उन्होंने ये भी कहा कि इस सिलसिले में अटॉर्नी जनरल क्यूरेटिव पिटीशन दायर करने के विकल्प पर भी विचार कर रहे हैं। सरकार पांच जजों की बेंच से इस फैसले की समीक्षा की मांग करेगी।
चिदंबरम ने कहा कि इस सिलसिले में 2009 में दिल्ली हाईकोर्ट का फैसला काफी सोच विचार कर ही लिया गया था। मुझे लगता है कि हाईकोर्ट का फैसला सोच विचार कर लिया गया था।