West Bengal assembly elections 2021: पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव की तारीख नजदीक आने के साथ ही 'इनसाइडर-आउटसाइडर' की बहस थमने का नाम नहीं ले रही. नंदीग्राम (Nandigram) में मंगलवार को यह बहस फिर सामने आई जब यहां से तृणमूल की उम्मीदवार और राज्य की सीएम ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने खुद को 'इस धरती की बेटी' बताया. यह क्षेत्र तृणमूल कांग्रेस के सत्ता में आने में अहम भूमिका निभाता रहा है. नंदीग्राम में इस बार ममता बनर्जी को अपने पूर्व सहयोगी सुवेंदु अधिकारी (Suvendu Adhikari) की चुनौती का सामना करना पड़ रहा है जो इस बार बीजेपी से प्रत्याशी हैं.
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वर्ष 2011 से ममता की पार्टी तृणमूल कांग्रेस से यहां से चुनाव जीतते रहे सुवेंदु अधिकारी ने पिछले कुछ सप्ताह में सीएम ममता को लगातार नंदीग्राम से चुनाव लड़ने की चुनौती दी है. अधिकारी के समर्थकों ने तृणमूल कांग्रेस के 'आउटसाइडर यानी बाहरी' के तर्क को कोलकाता से करीब 130 किमी दूर नंदीग्राम में ममता के खिलाफ ही अपनाया. ममता अब तक बीजेपी को 'बाहरी' बताती रही हैं. तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता के खिलाफ मैदान में उतरे सुवेंद्र अधिकारी खुद को 'भूमिपुत्र' बताते हैं. ममता में मंगलवार को याद दिलाया कि वे और उनकी पार्टी उस समय यहां के लोगों के साथ खड़ी रही थीं जब तत्कालीन माकपा सरकार ने रासायनिक निर्माण इकाई स्थापित करने को लेकर आगे बढ़ने का फैसला लिया था.
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'ममता दीदी' ने कहा, '''मैंने सुना है कि कुछ लोग मुझे नंदीग्राम में बाहर बता रहे हैं. मैं इससे हैरान हूं. मैं पड़ोस के बीरभूम जिले में पढ़ी-बढ़ी हूं. जो शख्स मुझे आउटसाइडर बता रहा है, वह भी यहां पैदा नहीं हुआ है. आज मैं आउटसाइडर बन गई हूं और जो गुजरात से यहां आ रहे हैं, वह बंगाल में इनसाइडर बन गए हैं.' मुख्यमंत्री ने कहा, ''जब नंदीग्राम में आंदोलन शुरू था और घर में काली पूजा थी तो मैं घर नहीं गई थी. मैं यहा लोगों की मदद के लिए रुकी थी.''
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