पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा (Yashwant Sinha) ने तृणमूल कांग्रेस (Trinmool Congress) में शामिल होने के एक दिन बाद कहा कि पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव (West Bengal Assembly Elections) में बीजेपी की हार होनी ही चाहिए, तभी देशव्यापी "आश्वासन का संदेश" जाएगा. सिन्हा ने कहा कि उन्होंने बिना किसी पूर्व शर्त के ममता बनर्जी को अपना समर्थन दिया है. उन्होंने कहा कि सीएम ममता बनर्जी की अगुवाई में उनकी पार्टी स्पष्ट बहुमत के साथ दोबारा सत्ता में वापसी करेगी.
83 वर्षीय सिन्हा ने NDTV को दिए खास इंटरव्यू में कहा, "मैंने उनके (ममता बनर्जी के) हाथों को मजबूत करने के लिए टीएमसी ज्वाइन किया है... वह अपनी लड़ाई लड़ रही हैं, वह बंगाल की लड़ाई लड़ रही हैं. वह राष्ट्र के लिए भी लड़ रही हैं. बंगाल चुनाव को बीजेपी ने जिस तरह से प्रचारित किया है, उससे यह चुनाव अचानक राष्ट्रीय महत्व का चुनाव बन गया है."
बीजेपी के पूर्व नेता ने कहा, "इसलिए यह बहुत जरूरी है कि ममता जीतें और बीजेपी की बंगाल में हार हो जाए. इससे एक राष्ट्रव्यापी संदेश जाएगा."
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2018 में बीजेपी छोड़ने वाले यशवंत सिन्हा ने ऐसे वक्त तृणमूल कांग्रेस का हाथ थामा है, जब कुछ दिनों बाद राज्य में विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग होनी है. इससे पहले कुछ महीनों से टीएमसी से लगातार विधायकों और कई बड़े नेताओं का निकलना और बीजेपी में शामिल होना जारी था.
नंदीग्राम में ममता बनर्जी के जख्मी होने पर सिन्हा ने कहा कि इससे पूरे राज्य में उनकी लड़ाका छवि मजबूत हुई है. सिन्हा ने कहा कि वह साल 1990 से एक बड़ी सियासी योद्धा रही हैं.
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उन्होंने कहा, "बीजेपी और उसके सहयोगियों द्वारा फैलाए गए झूठ के बावजूद सच यही है कि वह नंदीग्राम हादसे में जख्मी हुई हैं. उनके पैर पर प्लास्टर चढ़ा था. वह चलने-फिरने में अभी भी लाचार हैं. उन्हें अन्य कई जगहें भी चोट पहुंची हैं. बावजूद इसके वह अभी भी चुनाव प्रचार कर रही हैं."
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