एयर इंडिया की 68 साल बाद घर वापसी हुई है.
नई दिल्ली:
आखिरकार एयर इंडिया की घर वापसी हो ही गई. टाटा समूह ने गुरुवार को सरकार से आधिकारिक तौर पर एयर इंडिया का अधिग्रहण कर लिया. टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने इस मौके पर खुशी जाहिर करते हुए कहा, "हम एयर इंडिया को टाटा समूह में वापस पाकर बेहद खुश हैं और इसे विश्व स्तरीय एयरलाइन बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं." इससे पहले चंद्रशेखरन न प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात की. निवेश और लोक संपत्ति प्रबंधन विभाग (DIPAM) के सचिव तुहिन कांता पांडे ने बताया कि एयर इंडिया के 100 फीसदी शेयर M/s Talace Pvt Ltd को स्थानांतरण कर दिए गए हैं. अब नया बोर्ड एयर इंडिया का कार्यभार संभालेगा.
यहां पढ़ें इस डील की अहम बातें:
- एयर इंडिया की 68 साल बाद घर वापसी हुई है. पिछले साल अक्टूबर में केंद्र सरकार ने एयर इंडिया को टाटा समूह की होल्डिंग कंपनी की सहायक कंपनी टैलेस प्राइवेट लिमिटेड को 18,000 करोड़ रुपये में बेच दिया था.
- इस डील के एक हिस्से के रूप में, टाटा समूह को एयर इंडिया एक्सप्रेस और ग्राउंड हैंडलिंग आर्म एयर इंडिया SATS में 50 प्रतिशत हिस्सेदारी भी सौंपी जाएगी.
- टाटा ने 100 प्रतिशत हिस्सेदारी के लिए स्पाइसजेट के प्रमोटर अजय सिंह के नेतृत्व वाले कंसोर्टियम द्वारा 15,100 करोड़ रुपये की पेशकश और सरकार द्वारा निर्धारित 12,906 करोड़ रुपये के आरक्षित मूल्य को पीछे छोड़ यह डील हासिल की.
- एयर इंडिया पर 60 हजार करोड़ का कर्ज है ओर सरकार को इससे रोजाना करीब 20 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है.
- 2003-04 के बाद यह पहला निजीकरण है, हालांकि एयर इंडिया टाटा समूह में तीसरा एयरलाइन ब्रांड होगा - कंपनी की एयरएशिया इंडिया और सिंगापुर एयरलाइंस लिमिटेड के साथ एक संयुक्त उद्यम विस्तारा में मैजोरिटी होल्डिंग है.
- टाटा को एयर इंडिया की वसंत विहार हाउसिंग कॉलोनी, नरीमन पॉइंट में एयर इंडिया की बिल्डिंग, मुंबई में एयर इंडिया बिल्डिंग और नई दिल्ली में एयर इंडिया बिल्डिंग जैसी गैर-प्रमुख संपत्तियां नहीं मिलेंगी.
- वर्तमान में एयर इंडिया घरेलू हवाई अड्डों पर 4,400 से अधिक घरेलू और 1,800 अंतरराष्ट्रीय लैंडिंग और पार्किंग स्लॉट के साथ-साथ विदेशों में 900 स्लॉट को नियंत्रित करती है.
- टाटा को मिलने वाले 141 विमानों में से 42 विमान लीज पर हैं, जबकि शेष 99 खुदके रहेंगे.
- रिपोर्ट्स की मानें तो पहले साल में टाटा कोई छंटनी नहीं कर सकेगा, और दूसरे साल में एयर इंडिया के कर्मचारियों को स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना की सुविधा दी जाएगी. सभी कर्मचारियों को ग्रेच्युटी और भविष्य निधि लाभ दिया जाएगा.
- टाटा संस ब्रांड को पांच साल बाद केवल एक भरतीय व्यक्ति को ही हस्तांतरित कर सकेगा ताकि ब्रांड - एयर इंडिया हमेशा के लिए भारतीय बना रहे.
- टाटा ने 1932 में टाटा एयरलाइंस की स्थापना की थी, जिसे बाद में 1946 में एयर इंडिया नाम दिया गया. सरकार ने 1953 में एयरलाइन का नियंत्रण अपने हाथ में ले लिया था, लेकिन जेआरडी टाटा 1977 तक इसके अध्यक्ष बने रहे. अब एयर इंडिया एक बार फिर टाटा का हिस्सा बन गई है.