उत्तराखंड में आपदा (Uttarakhand) को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर धामी (CM Pushkar Singh Dhami) का बयान भी आया है. धामी ने कहा कि सरकार अतिवृष्टि के कारण आई आपदा से निपटने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है. लेकिन सभी से अनुरोध है कि कृपया धैर्य रखें.हम सभी साथ मिलकर प्रदेश को इस कठिन परिस्थिति से बाहर निकालेंगे. सीएम ने लोगों ने अनुरोध किया कि न तो घबड़ाएं और न ही घबड़ाहट, दहशत फैलाएं. उत्तराखंड में पिछले तीन दिनों हुई भारी बारिश (heavy rain) ने आफत ला दी है. सड़कें पानी और मलबे से भर गई हैं और कई पुल धराशायी हो गए हैं.
उत्तराखंड की ज्यादातर नदियां उफान पर हैं. बद्रीनाथ समेत कई जगह पर्यटक भी फंसे हुए थे, जिन्हें सुरक्षित स्तानों पर पहुंचाया गया है. आपदा में अब तक 4 लोगों की मौत और 12 लापता बताए गए हैं. चंपावत जिले में एक घर ध्वस्त होने से दो लोगों की मौत हो गई. वहां जल स्तर बढ़ने के कारण एक निर्माणाधीन पुल भी बह गया. पीएम मोदी ने भी सीएम पुष्कर सिंह धामी से बात करके आपदा से बिगड़े हालातों का जायजा लिया है.
उत्तराखंड में प्राकृतिक आपदा के कई डराने वाली तस्वीरें सामने आई हैं. ऐसे ही कई वीडियो भी हैं, जिनमें सड़कों पर नदियों की तरह पानी का तेज बहाव दिख रहा है. यह सैलाब की तरह लोगों को बहाकर ले जाने वाला है. भारी बारिश के कारण स्कूल-कॉलेज, मार्केट सभी बंद हैं. सड़कों पर सन्नाटा सा दिख रहा है.
उत्तराखंड में अक्टूबर के महीने मे इस असामान्य बदलाव को लेकर केंद्र और राज्य सरकार अलर्ट पर हैं. एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें भी राहत एवं बचाव कार्य में जुटी हैं. भारतीय मौसम विभाग ने भी लोगों को चेतावनी है कि वो हालात सामान्य होने तक सुरक्षित स्थानों पर रहे. आईएमडी ने 17-18 और 19 अक्टूबर को उत्तराखंड में भारी बारिश का पूर्वानुमान पहले ही जारी किया था.
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