भारत में रहने के लिए दीर्घकालीन रेसीडेंट परमिट मिलने की उम्मीद कर रहीं बांग्लादेशी लेखिका तसलीमा नसरीन ने कहा है कि यदि उन्हें अब बांग्लादेश में प्रवेश की अनुमति मिल जाती है, तो भी वह अपनी बाकी जिंदगी भारत में बिताना चाहती हैं।
तसलीमा ने कहा, मैं भारत में रहना चाहती हूं, क्योंकि मैं और कहां जाऊंगी... मैं यूरोप की नागरिक हूं और अमेरिका की स्थायी निवासी, लेकिन मैंने सांस्कृतिक समानता के कारण भारत को रहने के लिए चुना। यदि मुझे अब बांग्लादेश में प्रवेश की अनुमति भी मिलती है, तो भी मैं भारत में ही बाकी जिंदगी बिताना पसंद करूंगी।
उन्होंने कहा, पिछले 20 साल में बांग्लादेश से ज्यादा मेरे दोस्त भारत में हैं। इस तरह की विचारधारा के साथ जीने पर रिश्तेदार नहीं, बल्कि वे लोग अहम हो जाते हैं, जिन्हें आपके सिद्धांतों पर यकीन हो। बांग्लादेशी प्रकाशकों और बुद्धिजीवियों ने भी मुझसे संपर्क बनाए रखने की कोशिश नहीं की, लिहाजा मेरे देश और मेरे बीच का रिश्ता टूट गया है।
तसलीमा ने रेसीडेंट परमिट के लिए आवेदन किया था, लेकिन उन्हें गृह मंत्रालय से एक साल की बजाय दो महीने का वीजा मिला। उन्होंने गृहमंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की और उन्हें अब दीर्घकालीन वीजा मिलने की उम्मीद है। उन्होंने कहा, गृहमंत्री ने मुझसे वादा किया है कि वह मुझे दीर्घकालीन वीजा देंगे। मुझे उम्मीद है कि वह मिलेगा, लेकिन सितंबर या अक्टूबर में, क्योंकि मेरे पास दो महीने का वीजा है।
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