न्यायमूर्ति अशोक कुमार गांगुली ने मंगलवार को कहा कि उन्होंने अतिरिक्त विवाद खत्म करने के लिए पश्चिम बंगाल मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया है और जिस आधार पर केन्द्र ने राष्ट्रपति को उनके खिलाफ सिफारिश की है वह टिकने वाला नहीं है।
न्यायमूर्ति गांगुली ने राज्यपाल एमके नारायणन ने अपने त्यागपत्र में कहा कि वह यह जोर दे कर कहना चाहेंगे कि इलेक्ट्रॉनिक और प्रिंट दोनों मीडिया में उनके खिलाफ जो आरोप आ रहे हैं वे बेबुनियाद हैं और उनसे इनकार करते हैं।
उन्होंने कहा कि उन्हें हटाने के लिए माननीय राष्ट्रपति को जो कथित सिफारिशें की गई हैं वे मिथ्याआधारित हैं।
न्यायमूर्ति गांगुली ने अपना त्यागपत्र फोन पर पढ़ कर पीटीआई को सुनाया।
एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि राज्य सरकार के प्रधान सचिव ने आज एक पत्र में अतिरिक्त मुख्य सचिव को बताया कि न्यायमूर्ति गांगुली ने पश्चिम बंगाल राज्य मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष पद से अपने इस्तीफे की बात रखते हुए कल राज्यपाल को एक पत्र दिया था। विज्ञप्ति में कहा गया है, 'राज्यपाल ने इस्तीफे को तत्काल प्रभाव से अपनी मंजूरी दे दी है।'
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