विज्ञापन
This Article is From Dec 15, 2017

अमरावती में काम पसंद न आने पर प्रतिनिधियों को ‘हटा’ सकेंगे वोटर्स : रिपोर्ट

आंध्र प्रदेश की राजधानी अमरावती में एक ‘अलग तरह की सरकार होगी’ जिसमें मतदाताओं के पास निर्वाचित प्रतिनिधियों और सरकारी कर्मचारियों को भी ‘वापस बुलाने’ की विशिष्ट शक्ति होगी.

अमरावती में काम पसंद न आने पर प्रतिनिधियों को ‘हटा’ सकेंगे वोटर्स : रिपोर्ट
प्रतीकात्मक तस्वीर
अमरावती: आंध्र प्रदेश की राजधानी अमरावती में एक ‘अलग तरह की सरकार होगी’ जिसमें मतदाताओं के पास निर्वाचित प्रतिनिधियों और यहां तक कि सरकारी कर्मचारियों को भी ‘वापस बुलाने’ की विशिष्ट शक्ति होगी. राजधानी क्षेत्र के इस और ऐसे ही कुछ अन्य विशिष्ट पहलुओं का खुलासा आंध्र प्रदेश कैपिटल रीजन डेवलेपमेंट अथॉरिटी (सीआरडीए) द्वारा तैयार ‘शासन मामलों पर विशेषज्ञ पूर्व पाठ (दस्तावेज)’ में किया गया.

यह भी पढ़ें - कांग्रेस गुजरात जीते या हारे, मगर बीजेपी को राहुल गांधी से ये 5 बातें जरूर सीखनी चाहिए

यहां सीआरडीए द्वारा आयोजित दो दिवसीय गहन मंथन कार्यशाला में यह दस्तावेज बांटा गया. दस्तावेज में कहा गया, ‘मेट्रोपॉलिटिन सरकार के निर्वाचित प्रतिनिधि और कर्मचारी प्रदर्शन और प्रतिपादन के लिये मतदाताओं के प्रति जवाबदेह होंगे. प्रदर्शन और प्रतिपादन में विफल रहने पर यहां वापस बुलाने का प्रावधान भी होगा.’ दस्तावेज में कहा गया, ‘संविधान के तहत प्रत्येक छह महीने में मतदाताओं के साथ वार्ड सभा का आयोजन होगा जिसमें निर्वाचित प्रतिनिधि और प्रमुख कर्मचारियों के बने रहने पर फैसला होगा.’ 

हार-जीत छोड़ो, ये 5 बातें साबित करती हैं कि राहुल गांधी अब राजनीति के माहिर खिलाड़ी हो गये हैं

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि शुरुआत में राजधानी के प्रशासन के लिये कोई निर्वाचित निकाय नहीं होगा जैसा कि आंध्र प्रदेश सरकार ने यहां नामित अमरावती सिटी कांउसिल गठित करने का प्रस्ताव किया है जब तक कि शहर में पर्याप्त आबादी नहीं हो जाती. इसमें कहा गया है कि एक निर्वाचित परिषद तक बनेगी जब अमरावती के शहरी क्षेत्र में ‘जरूरी आबादी’ नहीं हो जाती.

VIDEO: मुकाबला : सांसों में फैलता जहर, दिल्‍ली में दम घुटता है!

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com