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This Article is From Dec 28, 2020

मुंबई में वैक्सीन के ट्रायल के लिए नहीं मिल रहे वॉलेंटियर, अस्पताल के डीन ने की अपील...

मुंबई में वैक्सीन ट्रायल के वॉलेंटियर्स की कमी को देखते हुए निगम पार्षद नेहल शाह अब अपने वार्ड में लोगों को वैक्सीन को लेकर जागरूकता फैला रही हैं. 

मुंबई में वैक्सीन के ट्रायल के लिए नहीं मिल रहे वॉलेंटियर, अस्पताल के डीन ने की अपील...
जे.जे और सायन अस्पताल में को-वैक्सीन (Covaxin) का एक-एक हजार लोगों पर ट्रायल करना है.
मुंबई:

मुंबई के अस्पतालों में कोवैक्सीन (Covaxin) के ट्रायल के लिए वॉलेंटियर (Volunteer) आगे नहीं आ रहे हैं, इसके लिए अब अस्पताल के डीन लोगों से अपील कर रहे हैं तो वहीं इलाके के निगम पार्षद लोगों के बीच जाकर उन्हें जागरूक करने में जुटे हैं. लेकिन इसके साथ ही सामाजिक संगठनों के वैक्सीन पर सवाल बरकरार हैं. दअसल मुंबई में कोरोना वैक्सीन के ट्रायल का टारगेट पूरा नहीं हो पा रहा है, क्योंकि ट्रायल के लिए अस्पताल को वॉलेंटियर नहीं मिल पा रहे हैं. 

जे.जे और सायन अस्पतालों में देसी कंपनी भारत बायोटेक (Bharat BioTech) की कोवैक्सीन (Covaxin) के ट्रायल के लिए 31 दिसंबर तक एक-एक हजार लोगों पर ट्रायल करना है. लेकिन बताया जा रहा है की अभी तक जेजे अस्पताल में 399 लोगों ने और सायन अस्पताल में करीब 350 लोगों ने ही वैक्सीन ट्रायल के लिए अपना नाम रजिस्टर कराया है.

सायन अस्पताल के डीन डॉ मोहन जोशी ने मुंबईकरों से आगे आने की अपील की है. वहीं मुंबई में वैक्सीन ट्रायल के वॉलेंटियर्स की कमी को देखते हुए निगम पार्षद नेहल शाह अब अपने वार्ड में लोगों को वैक्सीन को लेकर जागरूकता फैला रही हैं. 

यह भी पढ़ें- COVID वैक्सीन को लेकर तैयारियां तेज, गुजरात और पंजाब समेत 4 राज्यों में आज और कल ड्राई रन

नेहाल शाह ने एनडीटीवी को बताया, "वैक्सीन के ट्रायल के लिए जो हमको वॉलेंटियर्स चाहिए उसको लेकर जागरूकता बहुत कम है, इस वजह से लोगों को पता नहीं है की उनको कहां जाना है, कहां रजिस्टर करना है और किस तरह वॉलेंटियर करना है, इस वजह से काफ़ी कम वॉलेंटियर्स आगे आ रहे हैं, लोगों को पता नहीं हैं. मैं पार्षद होेने के नाते लोगों में ये जानकारी पहुंचा रही हूं कि कहां रेजिस्ट्रेशन हो रहा है. कैसे हो रहा है.'' 

वैसे वैक्सीन को लेकर लोगों में कई भ्रम और चिन्ताएं भी बरकरार हैं. . 

सामाजिक संगठन अवेकेन इंडिया की निशा कोईरी बताती हैं, ‘'ये जो वैक्सीन आ रही है, ये मुझे ख़तरनाक लग रही है, ये एमआरएनए वैक्सीन बताई जा रही है, जिसमें इंसान के डीएनए को बदलने की क्षमता बताई जा रही है, फ़्लू की तरह बीमारी के लिए ऐसी वैक्सीन की क्या ज़रूरत है? तो ज़ाहिर है मैं ये ख़ुद नहीं लेने वाली ना अपने परिवार वालों को दूंगीं.''  

सरकार-बीएमसी लगातार लोगों में वैक्सीन को लेकर भ्रांतियां कम करने की कोशिश में है इसके लिए मुंबई के कई अस्पतालों में वैक्सीन को लेकर अलग से कॉल सेंटर की व्यवस्था भी हुई है ताकि लोगों की शंका दूर की जा सके. 

कोवैक्सीन के फेज-3 ट्रायल के लिए वॉलंटियर्स की कमी

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