विज्ञापन
This Article is From Dec 04, 2012

पूर्व सेनाध्यक्ष वीके सिंह शामिल हुए गन्ना उत्पादक किसानों के घेराव में

पूर्व सेनाध्यक्ष वीके सिंह शामिल हुए गन्ना उत्पादक किसानों के घेराव में
Quick Take
Summary is AI generated, newsroom reviewed.
राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन की ओर से बुलाए गए इस घेराव में उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा, बिहार और मध्य प्रदेश के किसान शामिल होंगे।
नई दिल्ली: चीनी क्षेत्र को नियंत्रणमुक्त करने की रंगराजन समिति की सिफारिशों को नामंजूर करने की मांग करते हुए पूर्व सेनाध्यक्ष वीके सिंह गन्ना उत्पादक किसानों के संसद घेराव में शामिल हुए और इलोद प्रमुख ओम प्रकाश चौटाला के साथ मंच साझा किया।

वीएम सिंह की अध्यक्षता वाले राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन (आरकेएमएस) द्वारा आयोजित विरोध प्रदर्शन में तृणमूल कांग्रेस के सांसद सुल्तान अहमद ने भी भाग लिया।

पूर्व सेना अध्यक्ष ने गत 2 नवंबर को आरकेएमएस द्वारा आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में भी मौजूद थे और घोषणा की थी कि अगर सरकार ने रंगराजन समिति की रिपोर्ट खारिज करने की घोषणा नहीं की तो 4 दिसंबर को संसद का घेराव किया जायेगा।

दो माह के अंदर यह दूसरी बार है जब पूर्व सेनाध्यक्ष चौटाला के साथ मंच साझा कर रहे हैं।

प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए चौटाला ने कहा कि किसानों की न्याय की लड़ाई में वे उनके साथ लाठी और गोली खाने को भी तैयार हैं।

सत्तारूढ़ दल पर केवल पूंजीपतियों की सहायता का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि कांग्रेस चुनाव जीतने के लिए और यहां तक कि संसद में सांसदों के वोट खरीदने के लिए भी पूंजीपतियों के धन का उपयोग करती है।

चौटाला ने कहा कि लोग देश के हालात से बहुत दुखी हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि किसान खेती के लिए पर्याप्त बिजली और पानी नहीं मिल रहा है, लेकिन उसका शुल्क लगातार बढ़ाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हम व्यवस्था में परिवर्तन चाहते हैं न कि शासकों में परिवर्तन।

संगठनकर्ताओं ने कहा कि पैनल की सिफारिशें उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा, बिहार और मध्य प्रदेश के किसानों पर प्रतिकूल प्रभाव डालेंगी।

सिंह ने कहा कि सच्चाई यह है कि आयोग ने केवल चीनी मिलों के हित का ध्यान रखा है और किसानों के हितों की अनदेखी की है।

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
General VK Singh, Farmers Agitation, Parliament Gherao, जनरल वीके सिंह, किसानों का आंदोलन, संसद का घेराव