नई दिल्ली:
थल सेनाध्यक्ष जनरल वीके सिंह ने कहा कि नक्सल-विरोधी कार्रवाइयों में सशस्त्र बलों का इस्तेमाल उचित नहीं है, क्योंकि नक्सली समस्या को कानून एवं व्यवस्था और सामाजिक-आर्थिक समस्या के रूप में देखा जाता रहा है। सिंह ने कहा कि ऐसा माना जाता रहा है, यहां तक कि रक्षा मंत्री (एके एंटनी) ने कहा है कि वामपंथी उग्रवाद या नक्सली समस्या कानून एवं व्यवस्था तथा सामाजिक-आर्थिक समस्या है। इससे स्थानीय पुलिस और केंद्रीय अर्द्धसैनिक बलों को निपटना होगा। इस मामले में सेना का इस्तेमाल उचित नहीं है। जनरल सिंह ने कहा कि सेना पुलिस बलों, केंद्रीय पुलिस बलों और अर्द्धसैनिक बलों को प्रशिक्षण प्रदान करने में मदद मुहैया कराती है। उन्होंने बताया कि सेना ने उन लोगों के नाम का प्रस्ताव किया है, जो विभिन्न राज्यों को नक्सल समस्या से निपटने में सलाह दे सकते हैं। सिंह ने कहा कि मुख्य रूप से सेवानिवृत्त अधिकारी, मेरा मानना है कि ये सुरक्षा बल इन हालात से बेहतर तरीके से निपट सकते हैं। हालांकि आगे चलकर, यदि कुछ हो और यदि सरकार सेना का इस्तेमाल करना चाहे तो उस कार्य विशेष को अंजाम देने के लिए सेना खुद को तैयार कर लेगी।
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