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This Article is From Jun 15, 2020

Vizag गैस लीक: सुप्रीम कोर्ट का आंध्र हाईकोर्ट को निर्देश, LG पॉलिमर की लंबित याचिकाओं का जल्‍द निपटारा करें

सुप्रीम कोर्ट ने NGT के आदेश पर कंपनी द्वारा जुर्माने के तौर पर जमा कराए गए 50 करोड़ रुपये के वितरण पर दस दिनों के लिए रोक लगा दी. सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि हम फिलहाल इस मामले की संवैधानिकता पर नहीं जाएंगे.

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Vizag गैस लीक: सुप्रीम कोर्ट का आंध्र हाईकोर्ट को निर्देश, LG पॉलिमर की लंबित याचिकाओं का जल्‍द निपटारा करें
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को विशाखापट्टनम गैस लीक मामले पर सुनवाई की (प्रतीकात्‍मक फोटो)
नई दिल्ली:

Vizag gas leak Case: विशाखापट्टनम में गैस लीक मामले में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट से कहा है कि वह प्लांट की सीलिंग को चुनौती देने व LG पॉलिमर (LG Polymer)  की अन्य लंबित याचिकाओं का जल्द से जल्द निपटारा करें. इसके साथ ही मामले में सुनवाई करते हुए शीर्ष अदालत ने NGT के आदेश पर कंपनी द्वारा जुर्माने के तौर पर जमा कराए गए 50 करोड़ रुपये के वितरण पर दस दिनों के लिए रोक लगा दी. सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि हम फिलहाल इस मामले की संवैधानिकता पर नहीं जाएंगे. ये ( गैस लीक) निर्माताओं की गलती थी.

गौरतलब है कि पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने एलजी पॉलिमर को प्‍लांट का निरीक्षण करने के लिए अनुमति दी थी. कोर्ट ने कहा था कि एलजी पॉलिमर अपने 30 कर्मचारियों की सूची जिला कलेक्टर को प्लांट तक पहुंचाने के लिए सौंपगा. 
SC ने कहा था कि यह आदेश याचिकाकर्ताओं द्वारा आपातकालीन पहुंच के रूप में पारित किया गया है. एलजी पॉलिमर के वकील मुकुल रोहतगी ने कहा था कि गैस रिसाव की जांच करने के लिए विभिन्न प्राधिकरण द्वारा कई समितियों की नियुक्ति की गई है और वे प्लांट का दौरा करेंगे, लेकिन एलजी पॉलिमर के कर्मचारी वहां नहीं होंगे और प्लांट के अंदर सामग्री पड़ी रहेगी. SC ने कहा था कि आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट के समक्ष अन्य सभी मुद्दों पर प्रकाश डाला जा सकता है जो मामले की सुनवाई कर रहा है. सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने मामले की जांच के लिए NGT के आदेश पर कोई भी आदेश जारी करने से इंकार किया था.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि मामला NGT में लंबित है इसलिए वह कोई आदेश जारी नहीं करेगा. शीर्ष कोर्ट ने एलजी पॉलिमर इंडिया को आजादी दी कि अपनी बात वह NGT के सामने रख सकते हैं.सुप्रीम कोर्ट ने मामले को पूरी तरह कानूनी मामला बताया और लंबित रखा. NGT ने अगले दिन संज्ञान लेकर कमेटी बनाई. शायद उसे हाईकोर्ट की सुनवाई के बारे में जानकारी नहीं होगी, ऐसे में याचिकाकर्ता NGT में जाकर ये तथ्य रख सकता है. एलजी पॉलिमर इंडिया की ओर से मुकुल रोहतगी ने कहा था कि NGT के आदेशानुसार 50 करोड रुपये जमा कराए गए हैं. लेकिन इस मामले की जांच के लिए सात कमेटी बना दी गई हैं. कमेटी ने बिना नोटिस दिए तीन बार प्लांट का दौरा किया.NGT के पास स्वत: संज्ञान लेकर कार्रवाई शुरू करने का क्षेत्राधिकार नहीं है. NGT के अलावा हाईकोर्ट ने भी सुनवाई की. NHRC और राज्य के प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने भी जांच कमेटी बना दी. केंद्र सरकार भी मामले की जांच कर रही है,ऐसे में NGT की कमेटी पर रोक लगाई जाए. 

गौरतलब है कि सात मई को हुए गैस लीक के बाद आठ मई को नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने विशाखापट्टनम में गैस लीक मामले को लेकर एलजी पॉलिमर इंडिया प्राइवेट को 50 करोड़ रुपये की अंतरिम राशि जमा करने का निर्देश दिया था. यह राशि उसे मजिस्ट्रेट के पास जमा करनी होगी. कोर्ट ने इसके अलावा केंद्र और एलजी पॉलिमर इंडस्ट्री और केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) समेत अन्य को भी नोटिस जारी किया है. एनजीटी न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली एक पीठ ने इस घटना की जांच करने के लिए न्यायमूर्ति बी शेषासन रेड्डी की एक पांच सदस्यीय समिति का गठन किया. इन्हें 18 मई से पहले एक रिपोर्ट प्रस्तुत करनी थी. विजाग में गैस लीक  होने से 11 मजदूरों की मौत हुई थी और लगभग 200 लोगों को अस्‍पताल में भर्ती कराना पड़ा था. NGT का कहना था कि इस मामले को देखकर स्पष्ट पता चलता है कि कंपनी नियमों और दूसरे वैधानिक प्रावधानों को पूरा करने में नाकाम रही है, जिसकी वजह से ये हादसा हुआ.

विशाखापट्टनम में गैस लीक के बाद ऑपरेशन क्लीनअप

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