चक्रवात हुदहुद की चपेट में आने के तीन दिन के बाद जरूरी सेवाओं की बहाली और सार्वजनिक परिवहन सेवा की शुरुआत के साथ बंदरगाह शहर विशाखाट्टनम में जिंदगी सामान्य होने की ओर अग्रसर है।
रविवार को आए चक्रवात के कारण विशाखापट्टनम के लोगों को काफी मुश्किल दौर से गुजरना पड़ा। बिजली और दूध जैसी रोजाना जरूरत की चीजें उपलब्ध नहीं हैं और संचार नेटवर्क पर भी असर पड़ा।
राज्य सरकार ने बिजली आपूर्ति बहाल करने की कोशिश शुरू कर दी है। राहत अभियानों की निगरानी कर रहे मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने अधिकारियों से प्रभावितों को चावल, दाल, खाद्य तेल और सब्जियों जैसी खाद्य वस्तुओं के पैकेटों की आपूर्ति करने को कहा है।
कुछ कारोबारियों द्वारा विभिन्न सामग्रियों को बेहद महंगी कीमतों पर बेचने की कोशिश की कुछ शिकायतों पर नायडू ने कहा कि सब्जियां कम कीमतों पर मुहैया कराई जाएंगी। अधिकारियों ने बताया कि गिरे हुए पेड़ों और मलबे को हटाने के बाद राज्य के अन्य जगहों से विशाखापट्टनम के लिए परिवहन सेवा बहाल हो गई और शहर में दूध, सब्जियां भेजी जाने लगी हैं।
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