Singhu Border Clash : कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसान आंदोलन के मुख्य प्रदर्शनस्थलों में शामिल दिल्ली-हरियाणा के बीच सिंघु बॉर्डर पर शुक्रवार दोपहर में हिंसा हुई, वो भी तब, जब पुलिस ने गुरुवार रात से ही प्रदर्शनस्थल पर सुरक्षा बढ़ाई थी और यहां जाने से आम लोगों को रोक दिया गया था. इस घटना में दो लोगों को हिरासत में लिया गया है. लेकिन अब सवाल उठ रहे हैं कि जब पुलिस ने इतनी सुरक्षा बढ़ाई थी, तो इतनी बड़ी भीड़ वहां पहुंच कैसे गई और इसका पूरा घटनाक्रम क्या रहा?
हम एक बार टाइमलाइन पर नजर डाल रहे हैं-
सिंघू बार्डर पर क्या हुआ?
12:00 बजे- पुलिस ने हर आम व्यक्ति को प्रदर्शन स्थल से 1 किलोमीटर दूर रोक रखा था. यहां तक कि पानी के टैंकरों को भी स्थल तक आने की मनाही थी.
1:00 बजे- पुलिस ने आराम से उन लोगों को जाने दिया, जो ख़ुद को लोकल बता रहे थे.
1:15 बजे- खुद को लोकल बताकर प्रदर्शनस्थल के बिल्कुल नज़दीक जाकर 'देश के गद्दारों..' जैसे नारे लगाने लगे और फिर तोड़फोड़ शुरू कर दी. इन लोगों ने किसानों के तंबू वगैरह तोड़ दिए.
1:30 बजे- दोनों तरफ़ से हाथापाई और पत्थरबाज़ी शुरू हो गई.
1:45 बजे- SHO प्रदीप पालीवाल दोनों गुटों को भिड़ने से रोक रहे थे, दोनों तरफ़ से पत्थरबाज़ी हो रही थी. तभी तलवार लेकर किसानों की तरफ़ से एक शख़्स बढ़ा. बीच में SHO प्रदीप पालीवाल आ गए और उस शख़्स ने प्रदीप पालीवाल पर ही तलवार से हमला कर दिया.
1:50 बजे- पुलिस ने स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े.
1:50- पुलिस ने तलवार मारने वाले शख़्स को पकड़ा.
2:00 बजे- हल्की-फुल्की पत्थरबाज़ी होती रही. फिर पुलिस ने सबको भगाया.
बता दें कि आज की हिंसा में दो कुल दो पुलिस वाले घायल हैं. पुलिस ने दो लोगों को हिरासत में लिया है.
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