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This Article is From Jul 10, 2020

Vikas Dubey Encounter : इस तस्वीर में छिपा था पुलिस का आखिरी दांव जो नहीं समझ पाया विकास दुबे?

Vikas Dubey Encounter : बीती 3 जुलाई से लेकर 8 जुलाई तक 7 राज्यों की पुलिस, 100 टीमें, 5 लाख का इनाम और कई एसपी और डीएसपी को अकेले छकाने वाला कानपुर का गैगंस्टर विकास दुबे आखिरी 24 घंटों में मात गया है.

Vikas Dubey Encounter : इस तस्वीर में छिपा था पुलिस का आखिरी दांव जो नहीं समझ पाया विकास दुबे?
मध्य प्रदेश की पुलिस ने उसे उज्जैन में गिरफ्तार किया है.
नई दिल्ली:

Vikas Dubey Encounter : बीती 3 जुलाई से लेकर 8 जुलाई तक 7 राज्यों की पुलिस, 100 टीमें, 5 लाख का इनाम और कई एसपी और डीएसपी को अकेले छकाने वाला कानपुर का गैगंस्टर विकास दुबे आखिरी 24 घंटों में मात खा गया है. फरारी से लेकर उज्जैन में पकड़े जाने तक लेकर उसकी ही रची स्क्रिप्ट में पुलिस इधर-उधर दौड़ती रही है और अब मध्य प्रदेश पुलिस की इस तस्वीर को देखिए इसमें आपको एक भी पुलिसकर्मी हथियार लिए नहीं नजर आ रहा है.  मतलब शुरू से ही शक किया जा रहा था कि विकास दुबे ने जानबूझकर उज्जैन के महाकाल मंदिर में जाकर सरेंडर किया है. दरअसल ऐसा लग रहा है कि आखिरी 24 घंटो में पुलिस भी विकास की रची स्क्रिप्ट पर काम करने लगी थी.  यानी विकास दुबे को इस बात का विश्वास दिलाना था कि जैसा वह चाह रहा है वैसा ही हो रहा है. नहीं तो ये विश्वास करना मुश्किर है कि जिस शख्स ने कुछ ही घंटों में 8 पुलिसकर्मियों को मार दिया है, उसे पकड़ने वाली पुलिस बिना हथियार लिए वहां पहुंच गई हो.  उसके गिरफ्तार होने के पहले के घटनाक्रम पर नजर डालें तो ये भी नाटकीय लग रहा है कि विकास दुबे उज्जैन पहुंचता है वहां वह 250 रुपये की रसीद कटवाता है और दर्शन करने के बाद खुद को 'विकास दुबे...कानपुर वाला' बताता है. माने उसको यहां तक  अपने सरेंडर वाली थ्योरी पर विश्वास था कि ऐसा करने से वह पुलिस के हाथों मरने से बच जाएगा.

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इसके बाद उसे मध्य प्रदेश की पुलिस पूछताछ करती है और मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया जाता है...पहले माना जा रहा था कि उसे चार्टर्ड प्लेन से कानपुर ले जाया जा सकता है क्योंकि इसमें विकास दुबे को कोई खतरा नहीं था. लेकिन ऐसा लगता है विकास की ओर से इस बात पर ज्यादा जोर नहीं दिया गया. क्योंकि उसको इस बात का विश्वास हो गया था. पहले मीडिया और अब मजिस्ट्रेट के सामने पेश होने के बाद उसकी सरेंडर की थ्योरी काम कर गई है और उसकी जान को कोई खतरा नहीं है.   

लेकिन जैसा कि पहले से ही शक था कि यूपी पुलिस उसके लिए एनकाउंटर के लिए निकल पड़ी है और बीते 5 दिन से उसकी लगातार तलाश जारी है. आज सुबह खबर आई कि कानपुर से 30 किलोमीटर उसको मार दिया गया है. पुलिस ने बताया कि एसटीएफ के काफिले में एक गाड़ी पलट गई और उसी का फायदा उठाकर उसने भागने की कोशिश जिसमें वह वह मारा गया है. 

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