पूछताछ के लिए तीन बार तारीखें मिलने पर भी हाजिर ना होने पर ईडी ने यह सिफारिश की थी
नई दिल्ली: करीब 9,400 करोड़ रुपए के कर्ज में डूबी किंगफिशर एयरलाइंस के मालिक और शराब कारोबारी विजय माल्या का पासपोर्ट सरकार ने चार हफ्तों के लिए सस्पेंड कर दिया है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की ओर से बार-बार भेजे गए समन को धता बता रहे 60 वर्षीय माल्या का पासपोर्ट रद्द कर की भी चेतावनी दी गई है।
वहीं ईडी ने माल्या की मुश्किलें और बढ़ाते हुए धनशोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) के तहत दर्ज मामलों की सुनवाई के लिए बनी मुंबई की एक विशेष अदालत का रुख किया और 900 करोड़ के आईडीबीआई कर्ज धोखाधड़ी मामले में इस उद्योगपति के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी करने की मांग की।
पिछले करीब एक महीने से भी ज्यादा समय से ब्रिटेन में रह रहे और ईडी के सामने पेश होने से इनकार कर चुके माल्या का राजनयिक पासपोर्ट ईडी की सिफारिश पर विदेश मंत्रालय ने निलंबित किया है।
माल्या को जवाब देने के लिए मिली हफ्ते भर की मोहलत
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने बताया, 'विदेश मंत्रालय में पासपोर्ट जारी करने वाले अधिकारियों ने आज ईडी की सलाह पर विजय माल्या के राजनयिक पासपोर्ट की वैधता चार हफ्तों के लिए तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दी है। पासपोर्ट कानून, 1967 की धारा 10-ए के तहत यह कार्रवाई की गई है।' प्रवक्ता ने बताया, 'माल्या को एक हफ्ते के भीतर जवाब देने को कहा गया है कि पासपोर्ट कानून, 1967 की धारा 10 (3) (सी) के तहत उनका पासपोर्ट क्यों न जब्त कर लिया जाए या क्यों न रद्द कर दिया जाए। अगर वह इस समयसीमा के भीतर जवाब नहीं देते हैं तो यह मान लिया जाएगा कि उनके पास कहने के लिए कुछ नहीं है और फिर विदेश मंत्रालय रद्द करने की कार्रवाई की दिशा में आगे बढ़ेगा।'
माल्या के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग की हो रही है जांच
ईडी का मुंबई क्षेत्रीय कार्यालय माल्या के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग कानून के तहत आरोपों की जांच कर रहा है। समझा जाता है कि माल्या 2 मार्च को अपने राजनयिक पासपोर्ट के जरिये ब्रिटेन चले गए। राज्यसभा का सदस्य होने की वजह से उन्हें इस प्रकार का पासपोर्ट जारी किया गया है।
विजय माल्या अपनी शाही जीवनशैली के लिए जाने जाते रहे हैं राजनयिक पासपोर्ट धारक हैं माल्या
संसद सदस्य होने के नाते राजनयिक पासपोर्ट धारक माल्या ने 2 मार्च को भारत छोड़ा था। माल्या को कर्ज देने वाले 13 बैंकों के समूह ने 2 मार्च को ही 'डेट रिकवरी ट्रिब्यूनल' (डीआरटी) का रुख कर उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी। बैंकों के समूह ने बाद में माल्या की वह पेशकश ठुकरा दी थी, जिसमें उद्योगपति ने कहा था कि वह शुरुआती किस्त में 4,000 करोड़ रुपये का भुगतान करेंगे और बाकी रकम बाद में चुकाएंगे।
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जानबूझकर कर्ज न चुकाने वालों को लेकर चिंतित सरकार
सूत्रों ने बताया कि माल्या के खिलाफ कार्रवाई इसलिए की गई है, क्योंकि सरकार जानबूझकर कर्ज न चुकाने वालों और धोखेबाजों की ओर से बैंकों का पैसा हड़पने के मुद्दे पर चिंतित है। उन्होंने बताया कि इस साल फरवरी तक किंगफिशर एयरलाइंस पर 9,432 करोड़ रुपये का कर्ज है और उसने जानबूझकर 13 बैंकों का कर्ज चुका पाने में अपनी अक्षमता जाहिर की थी। एयरलाइंस के अध्यक्ष के तौर पर माल्या कपनी के अहम फैसले लेने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे थे जिसमें बैंकों के समूह से कर्ज लेने का मामला भी शामिल था।
ईडी के समन को धता बताते रहे हैं माल्या
माल्या को ईडी ने पहले 18 मार्च को पेश होने के लिए सम्मन दिया था। उसके बाद उन्हें 2 अप्रैल और 9 अप्रैल को जांच अधिकारी के सामने हाजिर होकर जांच में सहयोग करने को कहा गया। उन्होंने कर्ज को लेकर सुप्रीम कोर्ट में चल रहे मामले का हवाला देते हुए जांच में व्यक्तिगत रूप से शामिल होने में असमर्थता जताई।
माल्या का पासपोर्ट रद्द होने पर ईडी सक्षम अदालत से उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी करने का आवेदन कर सकती है और इंटरपोल से उनके नाम का रेड कार्नर नोटिस जारी करा सकती है। उसके आधार पर उन्हें दुनिया में कहीं भी गिरफ्तार किया जा सकता है। (भाषा इनपुट के साथ)