सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने सोमवार को कहा कि विजय माल्या (Vijay Mallya) न्यायालय में अपनी याचिका के लंबित रहने की दलील का इस्तेमाल यूके में नहीं कर सकता है. उनके बकाए का भुगतान करने के लिए SBI द्वारा यूके में शुरू की गई इन्सॉल्वेंसी की कार्यवाही को रोकने के लिए वह इसका इस्तेमाल नहीं कर सकते. कोर्ट ने कहा कि वह लंदन (London) के केस को भारत में याचिका पेंडिंग होने की दलील देकर नहीं टाल सकते. एसजी तुषार मेहता ने कहा एक रुपया भी उसके द्वारा नहीं दिया गया है. उसके आवेदन पर कोर्ट गौर नहीं करे, क्योंकि उसके खिलाफ लंदन में भी मामला चल रहा है.
बता दें, माल्या ने याचिका में कहा है कि उनकी तथा उनके परिजनों की मालिकाना संपत्तियों को कुर्क करने पर रोक लगाई जाए. माल्या ने अपनी याचिका में कहा कि कथित अनियमितताओं का सामना कर रहे किंगफिशर एयरलाइंस की संपत्तियों के अलावा अन्य संपत्तियां कुर्क नहीं होनी चाहिए. दरअसल बॉम्बे हाईकोर्ट ने 11 जुलाई 2018 को माल्या की संपत्तियां कुर्क करने को लेकर विशेष अदालत में जारी कार्यवाही पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था.
कोर्ट ने माल्या द्वारा दायर आवेदन खारिज कर दिया था, जिसमें धन शोधन रोकथाम कानून (PMLA) से जुड़े मामलों की सुनवाई कर रही विशेष अदालत के सामने लंबित कार्यवाही पर रोक का अनुरोध किया गया था. बता दें, माल्या वर्तमान में ब्रिटेन में हैं. उस पर प्रवर्तन निदेशालय ने बैंकों से लिए 9,000 करोड़ रुपए के कर्ज वापस नहीं करने का आरोप लगाया है.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं