भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या (Vijay Mallya) को लंदन की कोर्ट (UK Court) से बड़ा झटका लगा है. लंदन की अदालत में प्रत्यर्पण ( Extradition) के खिलाफ दी गई माल्या की अर्जी खारिज कर दी गई है. लंदन की अदालत ने विजय माल्या (Vijay Mallya News) को प्रत्यर्पण के खिलाफ अपील करने की अनुमति नहीं दी. बता दें कि कोर्ट ने माल्या की लिखित अपील को खारिज कर दिया है. इसके बाद मौखिक सुनवाई होगी. बता दें कि बीते फरवरी महीने में ब्रिटेन के गृह मंत्री ने शराब कारोबारी विजय माल्या को भारत प्रत्यर्पित किये जाने का आदेश दिया था.
UK Court rejected on April 5 the plea of Vijay Mallya against his extradition order. (File pic) pic.twitter.com/ag2mVpM7ZX
— ANI (@ANI) April 8, 2019
9000 करोड़ रुपये से ज्यादा के घोटाले और मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में विजय माल्या के प्रत्यर्पण के लिए भारतीय एजेंसियां लंबे समय से प्रयास कर रही थीं. बैंकों का लोन लेकर फरार चल रहे शराब कारोबारी विजय माल्या को PMLA कोर्ट ने पिछले दिनों ही भगोड़ा घोषित किया था. विजय माल्या को भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित करने के लिए प्रवर्तन निदेशालय ने कोर्ट में याचिका दायर की थी. इस याचिका पर आज फैसला आया है. PMLA कोर्ट के बाद माल्या नए कानून के तहत देश का पहला आर्थिक भगोड़ा बन गया. बता दें कि कोर्ट ने इस फैसले को 26 दिसंबर 2018 को 5 जनवरी 2019 तक के लिए सुरक्षित रखा था. माल्या ने पीएमएलए कोर्ट ने दलील थी कि वह भगोड़ा अपराधी नहीं है और न ही मनी लॉन्ड्रिंग के अपराध में शामिल है.
यह भी पढ़ें: मोदी सरकार पर बड़ा आरोप लगा बैंकों से बोला विजय माल्या, 'मेरे पैसे ले लो और जेट एयरवेज को बचा लो'
इससे पहले विजय माल्या ने दिसंबर महीने में आग्रह किया था कि उसे आर्थिक भगोड़ा अपराधी घोषित करने के लिए प्रवर्तन निदेशालय के जरिये शुरू की गई कार्रवाई पर रोक लगाई जाए. कोर्ट ने माल्या की इस अर्जी को खारिज कर दिया था. विजय माल्या ने बॉम्बे हाईकोर्ट के फैसले को भी सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. साथ ही माल्या ने मांग की थी कि कोर्ट उसकी संपत्तियों को जब्त करने की कार्रवाई पर भी रोक लगाए. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अपनी याचिका में माल्या को आर्थिक अपराध में भगोड़ा घोषित करने की मांग की थी. साथ ही उसकी संपत्ति जब्त की जाए और नए एफईओ कानून के प्रावधानों के तहत उसे केंद्र के नियंत्रण में लाया जाए.
यह भी पढ़ें: मोदी सरकार के मंत्री बोले, 'माल्याजी' को चोर कहना सही नहीं, बताई यह वजह...
खास बात यह है कि ईडी ने अपने पहले के आवेदन में कहा था कि माल्या का शुरुआत से ही ऋण चुकाने का कोई इरादा नहीं था जबकि उसके और एमएस यूबीएचएल (यूनाइटेड ब्रेवरीज होल्डिंग्स लिमिटेड) के पास पर्याप्त संपत्तियां थीं जो ऋण चुकाने के लिए पर्याप्त थीं, माल्या ने जानबूझकर ऐसा किया है.
VIDEO: माल्या के भारत प्रत्यर्पण के आदेश
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं