दिग्विजय सिंह का फाइल फोटो
नई दिल्ली:
एक तरफ जहां बांग्लादेश ने मुंबई के विवादित धार्मिक उपदेशक जाकिर नाईक के भाषणों की जांच करने का आग्रह किया है, वहीं दूसरी तरफ चार साल पहले एक समारोह में वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह द्वारा जाकिर के कार्यों की सराहना करने वाले एक वीडियो के प्रकाश में आने के बाद भाजपा ने कांग्रेस पर हमला किया है।
दरअसल इस तरह की रिपोर्टें आई हैं कि पिछले सप्ताहांत ढाका में 20 लोगों को बर्बर तरीके से मारने वाले सात आतंकियों में से दो जाकिर के भाषणों से प्रभावित थे। जाकिर मुंबई स्थित इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन के मुखिया हैं और ब्रिटेन, कनाडा और मलेशिया में उनके भाषण प्रतिबंधित हैं।
उस समारोह में दिग्विजय सिंह ने जाकिर नाईक की तारीफ की करते हुए कहा था, ''मैं इस बात से प्रसन्न हूं कि आप दुनिया भर में शांति के संदेश का प्रसार कर रहे हैं...आप हिंदुओं और मुस्लिमों के बीच सेतु का निर्माण कर सकते हैं।'' इसके साथ ही यह भी कहा, '' मैंने आपकी सभाओं की ताकत के बारे में सुना था और अब इसे देख भी लिया है, इसके लिए मैं आपको बधाई देता हूं।''
इस मामले में भाजपा के प्रवक्ता जीवीएल नरसिम्हा राव ने गुरुवार को कहा, ''हम गुरुओं और मुस्लिम नेताओं से यह उम्मीद करते हैं कि वे युवाओं को सही रास्तों के बारे में बताएंगे ताकि वे आतंक जैसे रास्तों पर जाने से बचें। मैं समझता हूं कि वह (नाईक) ऐसी तकरीर दे रहे थे जोकि वास्तव में आतंक को प्रोत्साहित करता था।''
राव ने दिग्विजय सिंह के 2012 में जाकिर नाईक के साथ मंच साझा करने के संदर्भ में कहा, वह चाहे दिग्विजय सिंह हों या शीर्ष नेतृत्व समेत कांग्रेस का कोई भी नेता हो...हम सभी को याद है कि सोनिया गांधी आतंकी हमलों में मारे गए सुरक्षाकर्मियों पर नहीं रोई थीं। वह उन आतंकियों के लिए रोई थीं जिन्होंने वास्तव में बाटला हाउस एनकाउंटर मामले में सुरक्षाकर्मियों को मारा था।
इस मामले में दिग्विजय सिंह ने गुरुवार को सफाई देते हुए कहा था उस समारोह में उन्होंने ''सांप्रदायिक सद्भाव की अपील की थी और धार्मिक कट्टरता का विरोध किया था।'' उन्होंने सभी भड़काऊ भाषणों पर प्रतिबंध लगाने की मांग की, भले ही किसी ने भी उसको दिया हो।
उन्होंने इस मसले से संबंधित कई ट्वीट भी किए:
दरअसल इस तरह की रिपोर्टें आई हैं कि पिछले सप्ताहांत ढाका में 20 लोगों को बर्बर तरीके से मारने वाले सात आतंकियों में से दो जाकिर के भाषणों से प्रभावित थे। जाकिर मुंबई स्थित इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन के मुखिया हैं और ब्रिटेन, कनाडा और मलेशिया में उनके भाषण प्रतिबंधित हैं।
उस समारोह में दिग्विजय सिंह ने जाकिर नाईक की तारीफ की करते हुए कहा था, ''मैं इस बात से प्रसन्न हूं कि आप दुनिया भर में शांति के संदेश का प्रसार कर रहे हैं...आप हिंदुओं और मुस्लिमों के बीच सेतु का निर्माण कर सकते हैं।'' इसके साथ ही यह भी कहा, '' मैंने आपकी सभाओं की ताकत के बारे में सुना था और अब इसे देख भी लिया है, इसके लिए मैं आपको बधाई देता हूं।''
इस मामले में भाजपा के प्रवक्ता जीवीएल नरसिम्हा राव ने गुरुवार को कहा, ''हम गुरुओं और मुस्लिम नेताओं से यह उम्मीद करते हैं कि वे युवाओं को सही रास्तों के बारे में बताएंगे ताकि वे आतंक जैसे रास्तों पर जाने से बचें। मैं समझता हूं कि वह (नाईक) ऐसी तकरीर दे रहे थे जोकि वास्तव में आतंक को प्रोत्साहित करता था।''
राव ने दिग्विजय सिंह के 2012 में जाकिर नाईक के साथ मंच साझा करने के संदर्भ में कहा, वह चाहे दिग्विजय सिंह हों या शीर्ष नेतृत्व समेत कांग्रेस का कोई भी नेता हो...हम सभी को याद है कि सोनिया गांधी आतंकी हमलों में मारे गए सुरक्षाकर्मियों पर नहीं रोई थीं। वह उन आतंकियों के लिए रोई थीं जिन्होंने वास्तव में बाटला हाउस एनकाउंटर मामले में सुरक्षाकर्मियों को मारा था।
इस मामले में दिग्विजय सिंह ने गुरुवार को सफाई देते हुए कहा था उस समारोह में उन्होंने ''सांप्रदायिक सद्भाव की अपील की थी और धार्मिक कट्टरता का विरोध किया था।'' उन्होंने सभी भड़काऊ भाषणों पर प्रतिबंध लगाने की मांग की, भले ही किसी ने भी उसको दिया हो।
उन्होंने इस मसले से संबंधित कई ट्वीट भी किए:
The conference was for Communal Harmony and against Terrorism. Also to explain that Islam is against Innocents being killed.
— digvijaya singh (@digvijaya_28) July 7, 2016
If GOI or the Govt of Bangladesh has any evidence against Zakir Naik's involvement with ISIS they should take action against him.
— digvijaya singh (@digvijaya_28) July 7, 2016
My speech at conference organised by Zakir Naik is being shown. I spoke against Religious Fundamentalism and appealed for Communal Harmony.
— digvijaya singh (@digvijaya_28) July 7, 2016
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