VIDEO : MP में नौकरी मांग रहे बेरोजगारों पर लाठीचार्ज, पुलिस ने दौड़ा-दौड़ा कर पीटा, कई घायल

प्रदर्शन में प्रदेश के अलग-अलग जिलों से बेरोजगार  युवा राजधानी भोपाल पहुंचे थे. ये सभी प्रदर्शनकारी सरकारी विभागों में रिक्त पदों पर भर्तियां निकालकर नौकरी देने की मांग कर रहे थे. इस घटना का एक वीडियो सामने आया है, जिसमें पुलिसवाले प्रदर्शनकारियों पर ताबड़तोड़ लाठियां बरसा रहे हैं.

भोपाल:

मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में चयनित शिक्षिकाएं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को राखी बांधने पहुंची ताकी 3 साल बाद ही सही उन्हें नियुक्ति पत्र मिल जाए, तो वहीं बेरोजगारी के मुद्दे पर कई युवा प्रदर्शन करने पहुंचे जिन्हें पुलिस की लाठियां खानी पड़ी. बल प्रयोग कर पुलिस ने सैकड़ों युवाओं को गिरफ्तार किया है. हालांकि मुख्यमंत्री केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ जनआर्शिवाद यात्रा में व्यस्त हैं. मध्यप्रदेश के अलग-अलग हिस्सों से बेरोजगार युवा आए तो सरकारी नौकरी मांगने थे, लेकिन मिली सरकारी लाठियां. अलग-अलग जिलों से आए युवाओं का एक दल पुलिस मुख्यालय तक पैदल मार्च करते पहुंचा, पुलिस ने बैरिकेड्स लगाकर प्रदर्शनकारियों को रोकने का प्रयास किया. इस बीच पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झूमाझटकी हो गई. वहीं भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया.

VIDEO : MP की चयनित महिला शिक्षिकाएं CM को राखी बांधने पहुंची BJP दफ्तर

पुलिस के लाठीचार्ज की वजह से सुमेर सिंह बड़ोल जैसे कई युवकों को चोट लगी, उन्होंने बताया कि शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने वाले युवाओं के खिलाफ पुलिस ने बर्बतापूर्ण व्यवहार किया, कई युवाओं को चोट आई है. वहीं गोपाल प्रजापति ने कहा ऐसा लगता है कि रोजगार मांगना गुनाह हो गया. वहीं दिनेश ठाकुर का कहना था इन्होंने लाठी मारी बोलने की स्थिति नहीं है चक्कर आ रहा है. वहीं मनोज रजक कहने लगे पानी तो दिया जाए, 1 घंटे से बैठे हैं कितनी असंवेदनशील सरकार है. प्रमोद नामदेव ने कहा 4 साल से भर्ती नहीं आई है पुलिस भर्ती, शिक्षक भर्ती, नर्सिग भर्ती नहीं आई है.

भोपाल में ही लगभग 3 सालों से चयनित होने के बाद भी नियुक्ति की राह देख रहे चयनित शिक्षक मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को राखी बांधने पहुंचे. हाथों में राखी की थाल और बैनर पोस्टर लेकर सारे चयनित शिक्षक बीजेपी कार्यालय के सामने इकठ्ठा हुए, जिन्हें पुलिस ने रोक दिया.

7 सालों के लंबे इंतजार के बाद 2018 में शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया शुरू हुई, 2019 में चयन हो गया लेकिन नियुक्ति होती उससे पहले कमलनाथ सरकार गिर गई और इन शिक्षकों का भविष्य अधर में लटक गया. प्रदर्शन करने जुटे चयनित शिक्षक प्रमोद सिंह ने कहा, 'हर बार सरकार आश्वासन के अतिरिक्त कुछ नहीं देती आश्वासन से पेट नहीं भरता.'

ये हालात तब हैं जब राज्य में हजारों सरकारी पद खाली हैं, पुलिस विभाग में आरक्षक के 22000, पुलिस उपनिरीक्षक के 2000, MPTET- 30000, वनरक्षक-14024, वन क्षेत्रपाल 796, आबकारी आरक्षक 1021, आबकारी उपनिरीक्षक 350, पटवारी 5000, स्वास्थ विभाग में 35000, शिक्षा विभाग में 90000, चिकित्सा अधिकारी 5097, नर्सिंग स्टाफ के 35737 पद खाली हैं.

मु्ख्यमंत्री स्वतंत्रता दिवस पर कहते हैं कि वो रोजगार के लिये करोड़ों खर्च कर रहे हैं, संकल्प ले रही है, हर महीने 1 लाख रोजगार दिये जाएंगे. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा था रोजगार शिक्षा की भरपूर चिंता की जाएगी 17900 करोड़ का प्रावधान किया है. लेकिन तस्वीरें बदहाली की हैं, मजबूरी की हैं. कुछ दिनों पहले बैतूल में ये चयनित शिक्षक शिक्षा मंत्री के पैरों में गिर गईं कि नौकरी दे दो, मंत्रीजी कांग्रेस और ओबीसी आरक्षण की आड़ में खड़े हो गये.

शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने शिक्षकों को नियुक्ति पत्र देने में देरी के मामले पर कहा इसके लिये उनको कमलनाथ, दिग्विजय सिंह से पूछना पड़ेगा, हमारी सरकार 27 प्रतिशत आरक्षण देना चाहती है लेकिन फिलहाल कोर्ट का स्टे है.

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खैर, युवा रोएं, पिटें, पैरों पर गिर जाएं, सरकार बहादुर कह रही है, सरकार बनने की खुशी वो जनता के पैरों पर है, जनआर्शिवाद यात्रा में व्यस्त है.