विज्ञापन
This Article is From Jul 18, 2017

विपक्ष के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार गोपालकृष्ण गांधी ने भरा नामांकन, सोनिया रहीं मौजूद

हाल ही में उपराष्ट्रपति पद के लिए विपक्ष ने एक बैठक के बाद गोपाल कृष्ण गांधी सहमति जताई थी.

विपक्ष के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार गोपालकृष्ण गांधी ने भरा नामांकन, सोनिया रहीं मौजूद
गोपालकृष्ण गांधी और अन्य नामांकन प्रक्रिया के दौरान
नई दिल्ली: विपक्ष के उपराष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार गोपालकृष्ण गांधी ने आज अपना नामांकन भरा. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के अलावा इस मौके पर कुछ अन्य कांग्रेसी नेता भी मौजूद थे. हाल ही में उपराष्ट्रपति पद के लिए विपक्ष ने एक बैठक के बाद गोपाल कृष्ण गांधी सहमति जताई थी. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की अगुवाई में हुई इस बैठक में जेडीयू, आरजेडी, टीएमसी, सपा, बसपा समेत 18 दलों के नुमाइंदे शामिल हुए थे. राष्ट्रपति चुनाव में अलग राह अपनाने वाली जेडीयू भी विपक्ष के साझा उम्मीदवार के साथ खड़ी दिख रही है. शरद यादव नामांकन के दौरान मौजूद थे. इनके अलावा लेफ्ट नेता सीताराम येचुरी और डेरेक ओब्रायन भी साथ में थे.

नामांकन भरने के बाद मीडिया से बात करते हुए गांधी ने कहा, मैं निर्दलीय हूं. मैं किसी दल से नहीं जुड़ा हूं. 18 दलों ने मुझे समर्थन दिया है. उन  सभी के समर्थन के लिए आभार व्यक्त करता हूं. विपक्ष के उप राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार गोपालकृष्ण गांधी ने कहा कि जनता का राजनीति में विश्वास कम हुआ है. मैं उसका पुनरुद्धार होते देखना चाहूंगा.

उन्होंने कहा कि हम विभाजन के दौर में रह रहे हैं. एक पूरा बल हमारे देश को बांटने के काम में सक्रिय है और यह खतरे का संकेत है. बता दें कि आज ही सत्ता पक्ष की ओर से उपराष्ट्रपति पद के प्रत्याशी वेंकैया नायडू ने भी पर्चा भरा.

बता दें कि इससे पहले राष्ट्रपति चुनाव को लेकर विपक्ष की तरफ से गोपाल कृष्ण गांधी को उतारने की बातें सामने आ रही थीं, लेकिन बाद में मीरा कुमार के नाम पर मुहर लगी.

गोपालकृष्ण गांधी पश्चिम बंगाल के राज्यपाल रह चुके हैं. वह राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के पोते हैं. विपक्ष की बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह, सपा की ओर से नरेश अग्रवाल, बसपा की ओर से सतीश मिश्रा, नेशनल कांफ्रेंस के उमर अब्दुल्ला, जदयू की ओर से शरद यादव मौजूद थे. 

चुनने की वजह
दरअसल इसके पीछे भी सियासी वजहें हैं. महात्‍मा गांधी के सबसे छोटे पौत्र गोपाल गांधी की पारिवारिक जड़ें गुजरात में हैं. इस लिहाज से विपक्ष का मानना है कि उनके उम्‍मीदवार बनने से पीएम मोदी के लिए भी राजनीतिक स्थिति सहज नहीं होगी. संभवत: इन्‍हीं वजहों से नीतीश-लालू से लेकर सपा और बसपा को उनकी उम्‍मीदवारी सूट करती है. कांग्रेस से भी गोपाल गांधी के अच्‍छे रिश्‍ते हैं. उसकी बानगी इस बात से समझी जा सकती है कि कांग्रेस ने ही 2004 में उनको पश्चिम बंगाल का राज्‍यपाल नियुक्‍त किया था. उस दौरान पश्चिम बंगाल में वामपंथी सरकार के समय गांधी की राज्‍यपाल के रूप में सक्रियता की तृणमूल कांग्रेस नेता ममता बनर्जी भी प्रशंसक रहीं. इस लिहाज से माना जा रहा है कि तृणमूल भी उनके नाम पर मुहर लगाने में गुरेज नहीं करेगी. उल्‍लेखनीय है कि नौकरशाह से लेकर राजनयिक राजदूत के लंबे अनुभव के धनी गांधी लेखन और बौद्धिक जगत में अपनी खास पहचान रखते हैं.

 

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com