वेकैंया नायडू अभी शहरी विकास और सूचना प्रसारण मंत्री हैं. बीजेपी के दो बार अध्यक्ष रह चुके हैं...
नई दिल्ली:
देश के उपराष्ट्रपति पद के लिए केंद्र में सत्तासीन भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) सोमवार शाम को बैठक कर अपने प्रत्याशी का ऐलान कर दिया है. केंद्रीय मंत्री एम. वेंकैया नायडू इस पद के लिए प्रत्याशी बनाए गए हैं. आज पार्टी की शीर्ष संस्था संसदीय बोर्ड की बैठक में उनके नाम पर मुहर लगाई गई. बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने बताया कि उनका नाम सर्वसम्मति से चुना गया है. वेंकैया नायडू कल नामांकन दाखिल करेंगे.
वेंकैया नायडू अभी शहरी विकास और सूचना प्रसारण मंत्री हैं. बीजेपी के दो बार अध्यक्ष रह चुके हैं. वाजपेयी सरकार में भी मंत्री रहे हैं. दक्षिण भारत से हैं यही बात उनके पक्ष में सबसे ज्यादा गई. पार्टी के भीतरी सूत्रों का कहना है कि वेंकैया नायडू को उपराष्ट्रपति पद का दावेदार बनाए जाने से तेलंगाना और आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों में पार्टी की पैठ बढ़ेगी. राज्यसभा का गहन अनुभव है. चौथी बार राज्य सभा सांसद है. बचपन से आरएसएस से जुड़े रहे हैं. आपातकाल में मीसाबंदी. पार्टी के वरिष्ठतम नेताओं में से एक हैं. अन्य पार्टी के नेताओं से अच्छे रिश्ते हैं. सदन चलाने की क्षमता है. मोदी सरकार के संकटमोचक की छवि है. संसदीय कार्यमंत्री रहने के नाते संसदीय नियमों की जानकारी है.
बीजेपी तथा उसके सलाहकार अपने प्रत्याशी में तीन खासियतें चाह रहे थे - उपराष्ट्रपति पद के प्रत्याशी की बीजेपी तथा उसके वैचारिक संरक्षक कहे जाने वाले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के मूल्यों में विश्वास रखने की पृष्ठभूमि होनी चाहिए. राज्यसभा के सभापति के रूप में सदन के निर्बाध संचालन की क्षमता होनी चाहिए. गौरतलब है कि संसद के उच्च सदन में बीजेपी फिलहाल अल्पमत में है. वह बीजेपी के समर्थक वर्गों में से किसी एक का प्रतिनिधि होना चाहिए, जैसे राष्ट्रपति पद के प्रत्याशी रामनाथ कोविंद दलित वर्ग से संबंध रखते हैं.
इसी साल मई में पत्रकारों द्वारा बातचीत के दौरान सवाल किए जाने पर वेंकैया नायडू ने शब्दों से खेलने की अपनी कला का प्रदर्शन करते हुए खुद को राष्ट्रपति तथा उपराष्ट्रपति पद की दौड़ से बाहर बताया था. उन्होंने कहा था, "न मैं राष्ट्रपति बनना चाहता हूं, न उपराष्ट्रपति बनना चाहता हूं... मैं 'उषापति' बनकर ही खुश हूं..."
गौरतलब है कि विपक्षी दलों ने पिछले सप्ताह राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के पौत्र गोपालकृष्ण गांधी को उपराष्ट्रपति पद के लिए अपनी ओर से प्रत्याशी घोषित किया था. गोपालकृष्ण गांधी राज्यपाल भी रह चुके हैं, और उनके नाम पर राष्ट्रपति पद के प्रत्याशी के रूप में भी चर्चा की गई थी.
वेंकैया नायडू अभी शहरी विकास और सूचना प्रसारण मंत्री हैं. बीजेपी के दो बार अध्यक्ष रह चुके हैं. वाजपेयी सरकार में भी मंत्री रहे हैं. दक्षिण भारत से हैं यही बात उनके पक्ष में सबसे ज्यादा गई. पार्टी के भीतरी सूत्रों का कहना है कि वेंकैया नायडू को उपराष्ट्रपति पद का दावेदार बनाए जाने से तेलंगाना और आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों में पार्टी की पैठ बढ़ेगी. राज्यसभा का गहन अनुभव है. चौथी बार राज्य सभा सांसद है. बचपन से आरएसएस से जुड़े रहे हैं. आपातकाल में मीसाबंदी. पार्टी के वरिष्ठतम नेताओं में से एक हैं. अन्य पार्टी के नेताओं से अच्छे रिश्ते हैं. सदन चलाने की क्षमता है. मोदी सरकार के संकटमोचक की छवि है. संसदीय कार्यमंत्री रहने के नाते संसदीय नियमों की जानकारी है.
बीजेपी तथा उसके सलाहकार अपने प्रत्याशी में तीन खासियतें चाह रहे थे - उपराष्ट्रपति पद के प्रत्याशी की बीजेपी तथा उसके वैचारिक संरक्षक कहे जाने वाले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के मूल्यों में विश्वास रखने की पृष्ठभूमि होनी चाहिए. राज्यसभा के सभापति के रूप में सदन के निर्बाध संचालन की क्षमता होनी चाहिए. गौरतलब है कि संसद के उच्च सदन में बीजेपी फिलहाल अल्पमत में है. वह बीजेपी के समर्थक वर्गों में से किसी एक का प्रतिनिधि होना चाहिए, जैसे राष्ट्रपति पद के प्रत्याशी रामनाथ कोविंद दलित वर्ग से संबंध रखते हैं.
इसी साल मई में पत्रकारों द्वारा बातचीत के दौरान सवाल किए जाने पर वेंकैया नायडू ने शब्दों से खेलने की अपनी कला का प्रदर्शन करते हुए खुद को राष्ट्रपति तथा उपराष्ट्रपति पद की दौड़ से बाहर बताया था. उन्होंने कहा था, "न मैं राष्ट्रपति बनना चाहता हूं, न उपराष्ट्रपति बनना चाहता हूं... मैं 'उषापति' बनकर ही खुश हूं..."
गौरतलब है कि विपक्षी दलों ने पिछले सप्ताह राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के पौत्र गोपालकृष्ण गांधी को उपराष्ट्रपति पद के लिए अपनी ओर से प्रत्याशी घोषित किया था. गोपालकृष्ण गांधी राज्यपाल भी रह चुके हैं, और उनके नाम पर राष्ट्रपति पद के प्रत्याशी के रूप में भी चर्चा की गई थी.
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