सिडनी के कैफे में जारी बंधक संकट में एक भारतीय के घिरे होने की जानकारी का सरकार की तरफ से खंडन किया गया है। संसदीय कार्यमंत्री वेंकैया नायडू ने कहा कि अभी इस जानकारी की कोई पुष्टि नहीं हुई है कि वहां कोई भारतीय फंसा है या नहीं।
इससे पहले वेंकैया नायडू ने ही संसद भवन में पत्रकारों से बात करते हुए वहां एक भारतीय के फंसे होने की बात कही थी। यह भी बताया था कि वह आईटी प्रोफेशनल है और विदेश मंत्रालय लगातार ऑस्ट्रेलिया में भारतीय उच्चायोग से संपर्क में है। हालांकि विदेश मंत्रालय की तरफ से अब तक ऐसी कोई जानकारी नहीं दी गई है कि बंधकों में कोई भारतीय भी है।
अमूमन यह विदेश मंत्रालय की ज़िम्मेदारियों में ही आता है कि अगर ज़रूरत पड़े तो किसी भी भारतीय के साथ विदेश में होने वाली किसी भी तरह की समस्या से जुड़ी पूरी जानकारी के साथ सामने आए। इस तरह की कोई भी जानकारी साझा करने के पहले सरकार उसके लाभ-हानि के पहलू की भी पड़ताल करती है, लेकिन इस मामले में वेंकैया आधी-अधूरी जानकारी के साथ ही मीडिया के साथ बात कर बैठे लिहाज़ा उन्हें अपने शब्द वापस लेने पड़े।
बंधक संकट एक गंभीर मामला है और किसी भारतीय के वहां घिरे होने की कोई भी जानकारी भारत के लिए इस मामले की संवदेनशीलता को और बढ़ा देता है। ऐसी किसी सूरत में भारतीय पहचान सामने आने से वह आतंकवादी के निशाने पर पहले आ सकता है इसलिए वेंकैया ने बेशक खबर को अपुष्ट बता दिया हो, लेकिन मीडिया और सोशल मीडिया के इस ज़माने में मुंह से निकली हुई किसी भी जानकारी को कंट्रोल करना नामुमकिन है।
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