यह ख़बर 27 जनवरी, 2011 को प्रकाशित हुई थी

देवबंद के वीसी पद से इस्तीफा नहीं दिया : वस्तानवी

खास बातें

  • उन्होंने कहा, मैं 23 फरवरी तक दारूल उलूम का कुलपति बना रहूंगा। वस्तानवी को 10 जनवरी को कुलपति निर्वाचित किया गया था।
वड़ोदरा:

गुजरात को लेकर अपनी टिप्पणी से विवाद पैदा कर देने वाले मौलाना गुलाम वस्तानवी ने गुरुवार को कहा कि उन्होंने दारूल उलूम देवबंद के कुलपति पद से इस्तीफा नहीं दिया है और इस संबंध में अंतिम फैसला इस इस्लामिक मदरसे को करना है। वस्तानवी ने कहा, मैंने अभी इस्तीफा नहीं दिया है। मजलिस-ए-शूरा 23 फरवरी को आयोजित होगी जिसमें देशभर के विद्वान आएंगे। मैं अपने मामले को पेश करूंगा और वे इस बात पर फैसला करेंगे कि मुझे अपना काम जारी रखना है या नहीं। उन्होंने कहा, मैं 23 फरवरी तक दारूल उलूम का कुलपति बना रहूंगा। वस्तानवी को 10 जनवरी को कुलपति निर्वाचित किया गया था। देवबंद के विद्यार्थी उनके उस बयान को लेकर विरोध कर रहे हैं जिसमें उन्होंने कहा था कि मुस्लिम समुदाय को 2002 के दंगों को भूल कर आगे बढ़ना चाहिए और गुजरात में समुदाय को किसी तरह के भेदभाव का सामना नहीं करना पड़ता। सूरत से संबंध रखने वाले वस्तानवी ने कहा कि उन्होंने गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी को 2002 के गोधरा पश्चात दंगों के मामले में क्लीन चिट नहीं दी थी। उन्होंने कहा, :मोदी को लेकर: मेरे बयान को या तो गलत समझा गया या उर्दू मीडिया में इसे गलत तरीके से पेश किया गया। अखबार में प्रकाशित मेरे पहले साक्षात्कार में साफ कहा गया है कि मैंने मोदी को क्लीन चिट नहीं दी है।


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