वरुण गांधी के पोस्टरों से अटा इलाहाबाद शहर...
इलाहाबाद:
इलाहाबाद में भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के दौरान सुल्तानपुर से पार्टी सांसद वरुण गांधी के सैंकड़ों पोस्टर पटे होने और अपने दो दर्जन वाहनों के काफिले के साथ शहर में पहुंचने के बाद जिस तरह से उनका रोड शो हुआ एवं उनके समर्थकों ने जिस तरह का माहौल बनाया, उससे इलाहाबाद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बाद सबसे ज्यादा चर्चा के केंद्र में वरुण गांधी ही रहे।
दरअसल इससे वरुण के प्रशंसक यह सुनिश्चित करना चाहते थे कि यदि पार्टी अगले विधानसभा चुनाव में किसी चेहरे को आगे करके चुनाव लड़ना चाहती है तो उनके नेता की उम्मीदवारी को भी ध्यान में रखना होगा। लेकिन एनडीटीवी को सूत्रों ने बताया इससे बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व में ठीक संदेश नहीं गया। वरुण गांधी को प्रोजेक्ट करने संबंधी पोस्टर और बैनर बनाने वाली कंपनी की बीजेपी ने पहचान कर ली है और उससे इनको छापने का निर्देश देने वालों के बारे में जानकारी मांगी जा रही है। सूत्रों के मुताबिक इस संबंध में एक रिपोर्ट तैयार करके पार्टी नेतृत्व को सौंपी जाएगी।
इस संबंध में बीजेपी की राज्य इकाई के अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य का कहना है, 'ये होर्डिंग और प्रोजेक्शन पार्टी की तरफ से आधिकारिक नहीं हैं।' पार्टी की तरफ से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ गृह मंत्री राजनाथ सिंह या अमित शाह या दोनों के साथ होर्डिंग्स ही आधिकारिक हैं।
वरिष्ठ केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने संभावित मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवारी के मामले में किसी भी तरह की अटकलबाजी को खारिज कर दिया। हालांकि सूत्रों के अनुसार यूपी में वरुण को बीजेपी का चेहरा बनाने में एक बड़ी बाधा है। एक वरिष्ठ नेता के मुताबिक 'स्पष्ट कारणों से वरुण ने हमेशा कांग्रेस पर सीधा हमला करने से एक सुरक्षित दूरी बनाए रखी है। आने वाले चुनावों में स्पष्ट रूप से गांधी परिवार पर निशाना साधा जाएगा और इस वजह से वरुण इसके लिए बहुत उपयुक्त प्रतीत नहीं होते।'
दरअसल इससे वरुण के प्रशंसक यह सुनिश्चित करना चाहते थे कि यदि पार्टी अगले विधानसभा चुनाव में किसी चेहरे को आगे करके चुनाव लड़ना चाहती है तो उनके नेता की उम्मीदवारी को भी ध्यान में रखना होगा। लेकिन एनडीटीवी को सूत्रों ने बताया इससे बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व में ठीक संदेश नहीं गया। वरुण गांधी को प्रोजेक्ट करने संबंधी पोस्टर और बैनर बनाने वाली कंपनी की बीजेपी ने पहचान कर ली है और उससे इनको छापने का निर्देश देने वालों के बारे में जानकारी मांगी जा रही है। सूत्रों के मुताबिक इस संबंध में एक रिपोर्ट तैयार करके पार्टी नेतृत्व को सौंपी जाएगी।
इस संबंध में बीजेपी की राज्य इकाई के अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य का कहना है, 'ये होर्डिंग और प्रोजेक्शन पार्टी की तरफ से आधिकारिक नहीं हैं।' पार्टी की तरफ से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ गृह मंत्री राजनाथ सिंह या अमित शाह या दोनों के साथ होर्डिंग्स ही आधिकारिक हैं।
वरिष्ठ केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने संभावित मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवारी के मामले में किसी भी तरह की अटकलबाजी को खारिज कर दिया। हालांकि सूत्रों के अनुसार यूपी में वरुण को बीजेपी का चेहरा बनाने में एक बड़ी बाधा है। एक वरिष्ठ नेता के मुताबिक 'स्पष्ट कारणों से वरुण ने हमेशा कांग्रेस पर सीधा हमला करने से एक सुरक्षित दूरी बनाए रखी है। आने वाले चुनावों में स्पष्ट रूप से गांधी परिवार पर निशाना साधा जाएगा और इस वजह से वरुण इसके लिए बहुत उपयुक्त प्रतीत नहीं होते।'
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